रायपुर, 30 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य शासन ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रिता शांडिल्य को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है। रिता शांडिल्य इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। वे इससे पहले कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका निभा रही थीं।
रिता शांडिल्य 2002 बैच की आईएएस अधिकारी रही हैं और अपने करियर में उन्होंने राजस्व, आपदा प्रबंधन, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग जैसे अहम पदों पर कार्य किया है। उनकी कार्यशैली और प्रशासनिक दक्षता ने उन्हें राज्य में एक सक्षम और संवेदनशील अधिकारी के रूप में स्थापित किया।
घोटाले की छाया से पार पाने की चुनौती
लोक सेवा आयोग बीते कुछ वर्षों से भ्रष्टाचार और घोटालों की वजह से सुर्खियों में रहा है। पूर्व अध्यक्ष तमन सोनवानी के कार्यकाल में हुए बड़े घोटाले ने आयोग की साख पर गहरा असर डाला। यहां तक कि मामले की जांच सीबीआई तक पहुंची और कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई। ऐसे में शांडिल्य की नियुक्ति को आयोग की नई शुरुआत और पारदर्शिता की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।
युवाओं की उम्मीदों का केंद्र
प्रतियोगी परीक्षाओं और भर्तियों की पारदर्शिता को लेकर लंबे समय से उठ रहे सवालों के बीच रिता शांडिल्य का कार्यभार संभालना युवाओं में नई ऊर्जा और विश्वास पैदा कर रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि उनका सबसे बड़ा काम आयोग की विश्वसनीयता बहाल करना और भर्ती प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाना होगा।
सरकार की उम्मीदें और सुधार का संदेश
राज्य सरकार ने रिता शांडिल्य की नियुक्ति को एक नए दौर की शुरुआत बताते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में लोक सेवा आयोग अपनी खोई हुई साख को वापस पाएगा। सरकार चाहती है कि आयोग अब बिना किसी विवाद के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करे और योग्य प्रतिभाओं को राज्य सेवा में लाए।
