बीजापुर में नक्सलियों ने शिक्षा दूत की बेरहमी से हत्या, टोडका गांव में दहशत का माहौल

बीजापुर, 30 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के टोडका गांव में गुरुवार देर रात हुई घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। गांव में तैनात शिक्षा दूत कल्लू को नक्सलियों ने उसके घर से अगवा किया और घंटों यातना देने के बाद उसकी हत्या कर दी। इस घटना से न सिर्फ गांव, बल्कि पूरे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल फैल गया है।

कौन हैं शिक्षा दूत?
शिक्षा दूत वे लोग होते हैं जो राज्य सरकार द्वारा दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किए जाते हैं, ताकि बच्चों तक शिक्षा और विकास की रोशनी पहुंचाई जा सके। वे न सिर्फ शिक्षा देते हैं, बल्कि समाज में बदलाव और जागरूकता लाने का काम भी करते हैं। लेकिन अक्सर उन्हें नक्सली पुलिस का मुखबिर मान लेते हैं और जान का खतरा उठाना पड़ता है।

घटना का विवरण:
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नक्सली कल्लू को जबरन उसके घर से उठा ले गए। ग्रामीणों का कहना है कि उसे पहले जमकर पीटा गया और बाद में बेरहमी से मार डाला गया। सुबह जब ग्रामीणों को उसकी लाश मिली तो पूरे गांव में मातम और सन्नाटा पसर गया।

आधिकारिक प्रतिक्रिया:
गंगालूर थाना क्षेत्र की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि हत्या के पीछे की वजह पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि नक्सलियों ने उसे पुलिस का मुखबिर समझकर निशाना बनाया।

स्थानीय माहौल और प्रतिक्रियाएं:
घटना के बाद ग्रामीणों में गहरी दहशत है। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने रोते हुए कहा— “कल्लू तो बस बच्चों को पढ़ाना चाहता था, उसे क्यों मारा गया?” वहीं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने सरकार से मांग की है कि शिक्षा दूत जैसे फ्रंटलाइन वर्करों को सुरक्षा दी जाए, ताकि वे बिना डर के अपना काम कर सकें।

अगला कदम:
प्रशासन ने गांव में सुरक्षा बढ़ाने और घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि शिक्षा और विकास के लिए काम करने वाले लोग नक्सली हिंसा की सबसे आसान और असुरक्षित निशाने पर रहते हैं।

2 thoughts on “बीजापुर में नक्सलियों ने शिक्षा दूत की बेरहमी से हत्या, टोडका गांव में दहशत का माहौल

    1. आपको क्या लगता है अगर हर नक्सली को मार दिया जाए तो क्या छत्तीसगढ़ का विकास हो गया?

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