अमेरिकी शुल्क प्रभाव: फार्मा शेयरों में गिरावट, निवेशकों में सतर्कता बढ़ी

मुंबई। गुरुवार को शेयर बाजार में आई व्यापक गिरावट के बीच दवा कंपनियों के शेयर दबाव में आ गए और 3% तक फिसल गए। वजह बनी अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त 25% शुल्क, जिससे कुल कर 50% तक पहुंच गया है।

हालांकि, भारतीय दवा उद्योग को तत्काल इस शुल्क वृद्धि से छूट मिली है क्योंकि अमेरिका ने जेनेरिक दवाओं की अहमियत को मान्यता दी है। इसके बावजूद निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवाओं की कीमतें “1,400–1,500% तक घटाने” की घोषणा दोहराई और फार्मा आयात पर और शुल्क लगाने की धमकी दी। इस संकेत ने निवेशकों का मनोबल और कमजोर किया है।

गुरुवार को Ajanta Pharma, Gland Pharma, Lupin, Aurobindo Pharma, Sun Pharma, Zydus Lifesciences, Divi’s Laboratories और Torrent जैसे प्रमुख शेयरों में बिकवाली दर्ज की गई।

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी शुल्क से छूट मिलना उद्योग के लिए राहत है, लेकिन यह राहत पहले से ही बाजार की उम्मीदों में शामिल थी। “अब ध्यान सेक्टर की वास्तविक चुनौतियों पर है—जैसे अमेरिकी बाजार में लगातार दामों पर दबाव, FDA निरीक्षणों से जुड़ी जोखिमें और मुनाफे में उतार-चढ़ाव,” मेहता इक्विटीज़ के वरिष्ठ शोध उपाध्यक्ष प्रशांत टेप्से ने कहा।

उन्होंने आगे जोड़ा कि अनुपालन संबंधी चिंताएं और चीन से आने वाले कच्चे माल (KSMs और APIs) पर निर्भरता भी बड़ी चुनौती है। यदि इनकी लागत बढ़ी तो मुनाफे पर और दबाव आ सकता है।

कमज़ोर तिमाही नतीजे
फार्मा कंपनियों के Q1FY26 नतीजे भी उम्मीद से फीके रहे। राजस्व वृद्धि 8% रही जबकि EBITDA और शुद्ध लाभ 5.9% बढ़ा। भारतीय कारोबार ने 9.7% की वृद्धि दर्ज की, लेकिन अमेरिकी बाजार जेनेरिक Revlimid में दामों के दबाव के चलते सुस्त रहा।

ICICI सिक्योरिटीज़ के अनुसार, अगले दो तिमाहियों में भी gRevlimid की बिक्री कमजोर रह सकती है। हालांकि कंपनियां भरोसा जता रही हैं कि यदि जेनेरिक दवाओं पर अमेरिका में शुल्क बढ़ा तो वे लागत का बोझ ग्राहकों तक पहुंचा देंगी, और कुछ कंपनियां अपना उत्पादन अमेरिका में स्थानांतरित भी कर सकती हैं।

तिमाही नतीजों के बाद ICICI सिक्योरिटीज़ ने अपनी कवरेज में शामिल 23 में से 12 फार्मा कंपनियों की FY27E EPS अनुमान 1–19% तक घटा दिए। हालांकि उसने Pfizer, Alkem Laboratories और Aurobindo Pharma की सिफारिश को अपग्रेड किया है। वर्तमान में उसकी टॉप पिक्स में Cipla, Sun Pharma, Piramal Pharma और Pfizer शामिल हैं।

निवेशकों का मूड साफ दर्शाता है कि राहत के बावजूद अमेरिकी नीतियां और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता भारतीय फार्मा सेक्टर के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह बनी हुई हैं।