रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के लाभांङी में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद और बेसहारा लोगों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का मुआयना कर वहां की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वहां रूके लोगों से बातचीत करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में इस वक्त रूका हुआ बाहर का कोई भी व्यक्ति हमारा मेहमान है। किसी को परेशान होने की कोई जरूरत नही है। ऐसे लोगों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हम करेंगे।
आपको बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों के ऐसे जरूरतमंद लोगों जो करोना वायरस के कारण लॉक डाउन की स्थिति में रायपुर में फंसे हैं, के लिए जिला प्रशासन द्वारा लाभांडी में कोरोना राहत शिविर- आश्रय स्थल बनाया गया है । इस शिविर में 12 राज्यों और 17 जिलों के भटक रहे 205 लोगों को आश्रय, भोजन और सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने यहां रूके एक – एक व्यक्ति से मुलाकात की और उनसे कहा कि वे राज्य केे मेहमान है और उन्हें यहां किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, वे निश्चिंता से रहे और अपने घर -परिवार को भी अपनी कुशलता की जानकारी दें। रूके नागरिकों मे सबसे अधिक नागरिक मध्यप्रदेश के 27 और झारखंड के 19 है। जिले मे सबसे अधिक बलौदाबाजार के 18 और दुर्ग के 13 है। छत्तीसगढ़ के 121 और रायपुर जिले के 40 है। यहां ठहराए गए छोटे बच्चों को असुविधा ना हो इसके लिए रायपुर जिला प्रशासन ने दूध की पर्याप्त व्यवस्था भी तत्काल की । इन आश्रय प्राप्त करने वालेो जरूरतमंदो को जरूरी सुविधाओं की देखरेख का जिम्मा जिला प्रशासन ने सामर्थ चेरिटबल और वी द पीपल स्वयंसेवी संगठन को दिया गया है, जो 24 घंटे उनके साथ रहकर उनकी सुविधाओं का ध्यान रख रही है। यहां आश्रय मे सोशल ङिसटेशिग कायम रखते हुए उन्हे हर संभव मदद की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होनेे झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियो से बातचीत की है और आश्वस्त किया कि उनके राज्यो के लोग छत्तीसगढ में अच्छे से रहेगे। उन्होंने छत्तीसगढ के मजदूरों और नागरिको के उनके राज्यांे मे फंसे होने की स्थिति में उनसे हर संभव सहयोग देने का आग्रह भी किया है। यह भी कहा कि ऐसे ही आश्रय शिविर राज्य के सभी जिलो में बनाएं गए है।