छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ अभियान तेज, उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले– “हताशा की निशानी”

रायपुर, 27 अगस्त 2025। कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व जिस ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ अभियान को लेकर पूरे देश में मुखर है, अब उसका विस्तार छत्तीसगढ़ में भी होने जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने जिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पत्र जारी कर 2023 विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची की गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं।

कांग्रेस के मुताबिक, राज्य के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाएगा। जांच के दौरान पाँच अहम बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है—डुप्लीकेट मतदाता, फर्जी या अमान्य पते, एक ही पते पर असामान्य संख्या में मतदाता, अमान्य तस्वीरें और फॉर्म-6 के दुरुपयोग। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे हर गड़बड़ी की विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपें।

कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बताया कि यह पहल पार्टी नेता राहुल गांधी के मार्गदर्शन में शुरू हुई है। उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में वोट चोरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, और अब छत्तीसगढ़ में भी मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी है।

दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस के इस अभियान को “हताशा और मति भ्रम” का प्रतीक बताया। साव ने कहा—“वोट चोरी का आरोप लोकतंत्र, संविधान और जनता के निर्णय का अपमान है। कांग्रेस शासनकाल में बूथ कैप्चरिंग और धांधली की घटनाएं आम थीं, और अब अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस ऐसे निराधार आरोपों का सहारा ले रही है।”

जनता के बीच यह मुद्दा अब राजनीतिक बहस का केंद्र बनता जा रहा है। एक ओर कांग्रेस खुद को लोकतांत्रिक मूल्यों का रक्षक बताने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा इसे कांग्रेस की “राजनीतिक हताशा” करार दे रही है। आने वाले दिनों में यह अभियान किस तरह जनमानस को प्रभावित करेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।