सुप्रीम कोर्ट ने वन्यजीव कल्याण पर बनाई SIT, वंतारा ग्रीन्स बोला – “पशुओं की सेवा ही हमारा ध्येय”

जामनगर (गुजरात)। रिलायंस समूह के स्वामित्व वाले वंतारा ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि वह पारदर्शिता और करुणा के साथ पशुओं की देखभाल जारी रखेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वंतारा से जुड़े आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। ये आरोप पशुओं—विशेषकर हाथियों—की खरीद-फरोख्त, उनके उपचार और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े हैं।

वंतारा की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। वंतारा की प्राथमिकता सदैव पशुओं का कल्याण रही है। हम SIT को पूरा सहयोग देंगे और अपनी सेवाओं को ईमानदारी से जारी रखेंगे।”

SIT का गठन

SIT का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर करेंगे। इसके अलावा इसमें उत्तराखंड व तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त हेमंत नागराले और आयकर विभाग के अधिकारी अनीश गुप्ता शामिल होंगे।

न्यायालय ने माना कि याचिकाएं ज्यादातर समाचार रिपोर्ट, सोशल मीडिया और NGO की शिकायतों पर आधारित हैं, जिनमें ठोस प्रमाण नहीं हैं। बावजूद इसके, अदालत ने कहा कि चूंकि मामले में सेंट्रल जू अथॉरिटी और CITES जैसे सांविधिक निकाय भी शामिल हैं, इसलिए स्वतंत्र जांच जरूरी है।

SIT को यह देखने का निर्देश दिया गया है कि भारत और विदेश से पशुओं—खासतौर पर हाथियों—की खरीद नियमों के अनुरूप हुई या नहीं, और क्या वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, CITES तथा आयात-निर्यात संबंधी अन्य कानूनों का पालन हुआ है।

यह मामला अब केवल कानूनी नहीं, बल्कि पशु संरक्षण और मानवीय जिम्मेदारी से भी जुड़ा है। समाज की नज़रें इस जांच पर टिकी हैं कि सच सामने आए और वन्यजीवों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे।