सुकमा, 24 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। जिले के मिनपा गांव स्थित सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन के शिविर में शनिवार शाम एक आरक्षक ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मृतक आरक्षक का नाम शशि भूषण कुमार (31 वर्ष) है, जो बिहार के गया जिले के निवासी थे। वे हाल ही में छुट्टी से लौटे थे और शनिवार को शिविर में संतरी की ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी लाइट मशीन गन (एलएमजी) से खुद पर गोली चला दी। घटना के बाद मौके पर मौजूद जवानों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिवार और साथियों पर गहरा सदमा
शिविर में अचानक हुई इस घटना से उनके साथी जवान स्तब्ध हैं। सभी को यह समझ नहीं आ रहा कि एक जिम्मेदार और अनुशासित जवान ने ऐसा कदम क्यों उठाया। अधिकारियों ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। जवान के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उनके पैतृक गांव बिहार भेजा जाएगा।
बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया था। वर्ष 2019 से 15 जून 2025 तक छत्तीसगढ़ में 177 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की है। इनमें मुख्य कारण पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्याएँ, शराब की लत और बीमारियाँ बताए गए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती, लंबे समय तक परिवार से दूर रहना और मानसिक दबाव जवानों के जीवन पर गहरा असर डालता है। ऐसे मामलों ने एक बार फिर से सुरक्षाबलों के भीतर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।
