रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित 83 लाख 67 हजार मीट्रिक टन धान में से अब तक 46 लाख 55 हजार मीट्रिक टन धान का कस्टम मिलिंग किया जा चुका है। पंजीकृत मिलरों को 47 लाख 8 हजार मीट्रिक टन धान का डिलीवरी ऑर्डर जारी किया गया है।
राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान राज्य की जनता के लिए भरपूर खाद्यान्न की व्यवस्था की गई है। राज्य में खाद्यान्न की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए कस्टम मिलिंग का कार्य निरंतर जारी रखने के आदेश दिए गए हैं। खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राज्य के सभी कलेक्टरों एवं छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित रायपुर को आदेश जारी कर प्रदेश में स्थापित राईस मिलों द्वारा धान का उठाव, मिलिंग व चावल जमा करने का कार्य जारी रखने को कहा गया है। खाद्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को कस्टम मिलिंग कार्य से संबंधित व्यक्तियों, परिवहन कर्ता, ड्रायवर, हमाल, मिल ऑपरेटरों आदि को कार्य संचालन के लिए पास जारी कराने के निर्देश दिए हैं। समितियों से धान उठाव के लिए आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा कलेक्टरों से समन्वय स्थापित कर कर्मचारियों एवं हमालों का पास जारी कराया जाएगा। मिलरों के अनुबंध अवधि समाप्त होने की स्थिति में कलेक्टर एवं प्रबंध संचालक, मार्कफेड द्वारा समन्वय कर आवश्यकतानुसार अनुबंध की अवधि में वृद्धि की जाएगी।
खाद्य सचिव के पत्र के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार के विभागों, राज्य सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में समेकित दिशा-निर्देशों में न्यूनतम उपार्जन मूल्य पर उपार्जन में सम्मिलित एजेंसियों सहित कृषि उत्पादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियों को छूट प्राप्त कार्यालयों की सूची में शामिल किया गया है। अतः उर्पाजित धान के निराकरण में शामिल एजेंसियों यथा मार्कफेड, अपैक्स बैंक, नागरिक आपूर्ति निगम, भारतीय खाद्य निगम, केन्द्रीय भण्डार गृह निगम, राज्य भण्डार निगम छूट प्राप्त कार्यालयों की सूची में शामिल होंगे एवं उनके द्वारा उर्पाजित धान की मिलिंग के माध्यम से निराकरण एवं चावल उपार्जन कार्य निरंतर रूप से किया जाएगा।