गाजर घास जागरूकता सप्ताह: आईसीएआर-निब्सम रायपुर में सफाई अभियान और शपथ ग्रहण

रायपुर, 22 अगस्त 2025।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के आह्वान पर मनाए जा रहे गाजर घास जागरूकता सप्ताह (16 से 22 अगस्त) के तहत भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (निब्सम), बरोंदा, रायपुर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार राय ने किया।

इस अवसर पर वैज्ञानिकों, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस, जिसे आमतौर पर गाजर घास कहा जाता है, 1950 के दशक में आयातित गेहूं के साथ भारत में प्रवेश कर गया था। आज यह पूरे देश में तेजी से फैल चुका है और न केवल फसलों की पैदावार घटा रहा है बल्कि चारे के स्रोत और जैव विविधता को भी गंभीर नुकसान पहुँचा रहा है।

स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि गाजर घास केवल खेती को नुकसान नहीं पहुँचाता, बल्कि यह इंसानों के लिए भी खतरनाक है। इससे त्वचा रोग, एलर्जी और सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ रही हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह खरपतवार गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

सफाई अभियान और शपथ
जागरूकता सत्र के बाद संस्थान परिसर में सफाई और गाजर घास उन्मूलन अभियान चलाया गया। कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से परिसर के चिन्हित क्षेत्रों से गाजर घास हटाई और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा शपथ ग्रहण के साथ हुआ कि वे गाजर घास मुक्त परिसर बनाएंगे, इसके प्रति जन-जागरूकता फैलाएँगे और पर्यावरण–अनुकूल प्रबंधन उपायों को अपनाएँगे।