कांकेर में माओवादी हिंसा: तिरंगा फहराने वाले युवक की ‘पुलिस मुखबिर’ बताकर हत्या, चार दिन बाद भी नहीं मिला शव

कांकेर, 21 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। माओवादियों ने बिनागुंडा गांव निवासी मनीष नुरेटी नामक युवक की हत्या कर दी और उसे पुलिस मुखबिर करार दिया। यह घटना 17 अगस्त को हुई, लेकिन अब तक शव बरामद नहीं किया जा सका है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मनीष नुरेटी स्वतंत्रता दिवस पर गांव के बच्चों के साथ माओवादी स्मारक पर ही तिरंगा फहराते हुए नजर आ रहा है। यह वही इलाका है, छोटेबेतीया थाना क्षेत्र, जहां 2024 में सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 माओवादियों को ढेर किया था।

बस्तर रेंज के आईजीपी पी. सुंदरराज ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा—
“हमें मनीष नुरेटी की हत्या की सूचना मिली है। तथ्यों की पुष्टि के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”

शव तक नहीं पहुंच सकी पुलिस

घटना को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न पुलिस शव तक पहुंच पाई है और न ही गांव वालों से संपर्क हो सका है। वजह है इंद्रावती नदी की सहायक कोटरी नदी का उफान, जिसने इलाके को बाकी हिस्सों से काट दिया है। वहीं मोबाइल नेटवर्क भी ठप पड़ा हुआ है।

कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया—
“हम अभी तक परिजनों से बात नहीं कर पाए हैं। घटनाक्रम की सटीक जानकारी जुटाई जा रही है। अक्सर माओवादी बिना ठोस आधार के ग्रामीणों को पुलिस मुखबिर बताकर हत्या कर देते हैं।”

माओवादी बैनर से मिली जानकारी

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि माओवादियों ने एक बैनर भी लगाया है जिसमें मनीष और कुछ अन्य ग्रामीणों को “पुलिस का मुखबिर” बताते हुए माओवादियों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

इस हत्या ने एक बार फिर माओवादी प्रभावित इलाकों में भय और असुरक्षा का माहौल गहरा दिया है। तिरंगा फहराने जैसा साहसिक कदम उठाने वाले मनीष की यह निर्मम हत्या पूरे क्षेत्र के लिए सवाल खड़े करती है कि कब तक निर्दोष ग्रामीण नक्सली हिंसा की भेंट चढ़ते रहेंगे।