नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन में किए गए वादे पर अब अमल की दिशा तेज हो गई है। जीएसटी दरों में बड़े सुधार की कवायद के तहत गुरुवार को गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 12% और 28% वाले स्लैब को हटाने का समर्थन किया है। अब इस सिफारिश पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं और इसमें सभी राज्यों के मंत्री सदस्य होते हैं।
इस प्रस्ताव के लागू होने पर अब केवल 5% और 18% वाले स्लैब रह जाएंगे। वहीं, अत्यधिक विलासिता वाली वस्तुओं पर 40% तक का नया स्लैब लाने पर भी विचार किया जा रहा है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और GoM के संयोजक सम्राट चौधरी ने बताया—
“हर राज्य ने अपनी राय रखी। कुछ राज्यों की आपत्तियां और सुझाव हैं। अब इन्हें जीएसटी काउंसिल को भेजा जाएगा।”
हालांकि, कई राज्यों ने राजस्व हानि को लेकर चिंता भी जताई है। पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा—
“अगर राज्यों को घाटा होगा तो हमें यह जानना जरूरी है कि उसकी भरपाई कैसे होगी। अभी तक हानि का आकलन नहीं हुआ है। काउंसिल में ही इसका स्पष्ट जवाब मिलेगा।”
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आम जनता को राहत मिलनी चाहिए, लेकिन राजस्व नुकसान का कोई अनुमान पेश नहीं किया गया है।
यह कदम न सिर्फ कर ढांचे को सरल बनाने की दिशा में होगा, बल्कि उपभोक्ताओं और कारोबारियों के बीच विवाद और उलझन भी कम करेगा। अब सबकी नजरें जीएसटी काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं, जहां इस ऐतिहासिक बदलाव पर अंतिम मुहर लगेगी।
