नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने कहा कि वे आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमानजनक कार्टून बनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स — फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य माध्यमों पर सार्वजनिक माफी प्रकाशित करेंगे।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजरिया की पीठ कर रही थी। मालवीय की ओर से अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर पेश हुईं और उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व आदेश के अनुसार माफी पहले ही दी जा चुकी है, लेकिन अब अतिरिक्त रूप से वह सभी सोशल मीडिया अकाउंट से विवादित कार्टून हटाएँगे और लिखित माफीनामा भी जारी करेंगे।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने दलील दी कि पोस्ट हटाया नहीं जाना चाहिए क्योंकि जांच अभी जारी है। उन्होंने कहा कि मालवीय सोशल मीडिया पर माफी प्रकाशित करें और यह भी वचन दें कि आगे ऐसी गलती नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मालवीय 10 दिनों के भीतर सोशल मीडिया पर माफी प्रकाशित करें और जांच में सहयोग करें। साथ ही, कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत की अवधि अगली सुनवाई तक बढ़ा दी।
📌 मामले की पृष्ठभूमि
मालवीय ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक व्यंग्यात्मक कार्टून बनाया था, जिसमें आरएसएस की वर्दी में एक व्यक्ति को दर्शाया गया था और प्रधानमंत्री मोदी इंजेक्शन लगाते हुए दिखाए गए थे। इस पोस्ट में भगवान शिव से जुड़े कुछ कथित अपमानजनक शब्द भी थे। इस पर मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज हुई थी।
हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पिछली सुनवाई (15 जुलाई) में सुप्रीम कोर्ट ने मालवीय के कुछ कार्टून पर नाराज़गी जताई थी और कहा था कि आपत्तिजनक बयानबाज़ी और पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे हैं।
