सरकार के आदेश ताक पर, दुर्ग की सड़कों पर गौवंश की भीड़ से बढ़ रहा हादसों का खतरा

दुर्ग, 18 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ सरकार जहां एक ओर गौवंश संरक्षण के लिए गौ अभ्यारण्य और गौधाम जैसी योजनाओं की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है। दुर्ग शहर की सड़कों पर प्रतिदिन गौमाता और गौवंश के झुंड बैठे नजर आते हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।

सोमवार दोपहर करीब तीन बजे दुर्ग के उतई रोड पर ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला। सड़क पर गौवंश की भीड़ जमा थी और वाहन चालकों को रुक-रुककर निकलना पड़ रहा था। कई बार अचानक सामने आ जाने से दुर्घटनाएं हो जाती हैं और लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचते हैं।

सरकार ने पहले ही साफ निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर गौवंश छोड़ने वाले पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही स्थानीय प्रशासन को आदेश है कि वे नियमित रूप से सड़कों का निरीक्षण कर आवारा मवेशियों को सरकारी कांजी हाउस में भेजें।

लेकिन हकीकत यह है कि स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण न तो पशुपालकों पर कोई सख्त कार्रवाई हो रही है और न ही सड़क से पशुओं को हटाया जा रहा है। इससे जनता में असंतोष है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि—
“गौमाता की सेवा और संरक्षण जरूरी है, लेकिन उनकी वजह से सड़क हादसों में निर्दोष लोग घायल हों, यह भी उचित नहीं है। सरकार के आदेशों का पालन करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।”

जनता की मांग है कि प्रशासन तत्काल सक्रियता दिखाए, सड़क पर बैठे गौवंश को सुरक्षित स्थान पर भेजे और दोषी पशुपालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, तभी सरकार की योजनाओं का सही लाभ मिल सकेगा।