नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025।
लोकसभा सत्र के बीच देश की राजनीति में एक और बड़ा मोड़ आ सकता है। विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि इस पर बहुत जल्द निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, संसदीय गणित विपक्ष के पक्ष में नहीं है, क्योंकि महाभियोग पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है, जो विपक्ष के पास वर्तमान में नहीं है।
इसी बीच सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस और विपक्ष के आरोपों को सख्त लहजे में खारिज किया। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाना लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने जैसा है। राहुल गांधी के आरोपों का नाम लिए बिना जवाब देते हुए कुमार ने कहा, “कांग्रेस सांसद द्वारा प्रस्तुत पीपीटी में आंकड़ों का गलत विश्लेषण है। यदि उन्हें अपने आरोपों पर भरोसा है तो सात दिन में शपथपत्र दें, अन्यथा पूरे देश से माफी मांगे।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2023 के चुनाव कांग्रेस ने ही जीते थे, ऐसे में ‘वोट चोरी’ का आरोप बेबुनियाद है। साथ ही स्पष्ट किया कि बिहार में विशेष पुनरीक्षण (SIR) की ड्राफ्ट सूची पर 1 सितंबर के बाद कोई शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम, घर का नंबर ‘शून्य’ और एक ही पते पर दर्जनों मतदाताओं की प्रविष्टियों जैसे मुद्दे उठाए थे। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने चारों बिंदुओं पर विस्तृत खंडन जारी किया है।
अब सबकी निगाहें विपक्ष के अगले कदम और संसद में होने वाले संभावित टकराव पर टिकी हैं। यह लड़ाई केवल तथ्यों और आंकड़ों की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की विश्वसनीयता की भी बन चुकी है।
