किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर), 16 अगस्त 2025।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिशोटी गांव में बादल फटने से मची भीषण तबाही ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। तेज़ बहाव में घर, अस्थायी ढांचे और वाहन बह गए। अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 100 से अधिक घायल हैं और कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। इनमें मचैल माता यात्रा में शामिल श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए चीखते-चिल्लाते भागते नज़र आ रहे हैं। एक वीडियो में बाढ़ का मंजर बेहद करीब से कैद हुआ है, जिसमें उफनता पानी पेड़ों और मकानों को जड़ों समेत उखाड़ ले जाता दिखाई देता है।
स्थानीय परिवारों ने 75 लोगों के लापता होने की सूचना दी है, लेकिन चश्मदीद गवाहों का कहना है कि असल संख्या सैकड़ों में हो सकती है। कई लोग चट्टानों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए हैं। मरने वालों में CISF के दो जवान और एक स्थानीय SPO भी शामिल हैं।
अब तक राहत दलों ने मलबे से 167 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने बताया कि उन्होंने इस हादसे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र से हर संभव मदद दी जाएगी।
PTI के अनुसार, बाढ़ से कम से कम 16 आवासीय घर, तीन मंदिर, चार पानी की चक्कियां, एक 30 मीटर लंबा पुल और दर्जनभर वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
यह आपदा सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि उन परिवारों की त्रासदी भी है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। मचैल माता यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं की चीखें अब भी घाटी की खामोशी को तोड़ रही हैं।
