किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर), 15 अगस्त 2025। वार्षिक मचैल माता यात्रा के दौरान गुरुवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के छसोती गांव में बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। तेज़ बारिश और अचानक आए सैलाब में कम से कम 46 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज़्यादातर श्रद्धालु थे। जिला प्रशासन के अनुसार अब तक 160 से अधिक लोगों को बचाया गया है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। कई लोग अब भी लापता हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
छसोती—जो मचैल माता मंदिर की ओर जाने वाले 9,500 फीट ऊंचे मार्ग का अंतिम मोटरेबल प्वाइंट है—में दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच हादसा हुआ, जब सैकड़ों यात्री यहां एकत्र थे। यहां से मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है।
बादल फटने के कारण निकले मलबे और पानी की तेज़ धार ने रास्ते में लगे ‘लंगर’ को भी बहा दिया। राहत एवं बचाव कार्य भारी बारिश और कठिन भू-भाग के कारण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। एक सीआईएसएफ जवान का शव बरामद हुआ है, जबकि तीन जवान लापता हैं। ये सभी यात्रा के लिए अस्थायी सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन और बचाव दल तुरंत मौके पर भेजे गए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह से बात कर स्थिति की जानकारी दी और कहा कि सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए नागरिक, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए।
देश इन दिनों भारी मानसूनी बारिश झेल रहा है, जिसमें पहाड़ी इलाकों—खासकर उत्तराखंड—में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से जन-धन की भारी हानि हो रही है। हाल ही में उत्तरकाशी और चमोली ज़िलों में भी बादल फटने से व्यापक तबाही हुई थी।
