छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर सख्त कानून लाने की घोषणा, मुख्यमंत्री साय ने दी विधानसभा में प्रस्ताव लाने की जानकारी

रायगढ़, 14 अगस्त 2025। धरमजयगढ़ में आयोजित संस्कृति गौरव महासम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विधानसभा में कानून लाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रदेश की सनातन संस्कृति, परंपराओं और आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धापूर्वक स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव को याद करते हुए कहा कि वे न केवल राजनीति के मार्गदर्शक थे, बल्कि धर्म और संस्कृति के सच्चे प्रहरी थे। “घर वापसी” अभियान के जरिए उन्होंने धर्मांतरण का शिकार हुए लोगों को उनके मूल धर्म में लौटने का मार्ग दिखाया और आदिवासी क्षेत्रों में जनजागरण की अलख जगाई।

अपने संबोधन में श्री साय ने कहा, “प्रदेश की जनता और संतों के आशीर्वाद से एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बना है। डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटियों को धरातल पर उतारना हमारी प्राथमिकता रही है।” उन्होंने धान खरीदी ₹3,100 प्रति क्विंटल, बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना, तेन्दूपत्ता दर वृद्धि, रामलला दर्शन योजना और तीर्थयात्रा योजना जैसी उपलब्धियों का उल्लेख किया।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद 13 लाख किसानों को ₹3,716 करोड़ का बकाया बोनस दिया गया, जबकि धरमजयगढ़ की 57 हजार महिलाओं को महतारी वंदन योजना से ₹1,000 प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है। पीएम आवास योजना में 18 लाख घर स्वीकृत हुए हैं, जिनमें 26,059 धरमजयगढ़ के हैं।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिसमें सड़कों, पुल-पुलिया, विद्युत व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार शामिल है। उन्होंने नगर पंचायत क्षेत्र के लिए 10 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ रुपये के कार्यों की घोषणा की।

कार्यक्रम में सैकड़ों लाभार्थियों को स्मार्टफोन, महाजाल उपकरण, चरण पादुका, शिक्षा सहायता, आयुष्मान कार्ड, पौध वितरण और प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत लाभ दिए गए।

इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और महापौर जीवर्धन चौहान भी उपस्थित थे।