छत्तीसगढ़ बीजेपी में बड़ा फेरबदल: युवा मोर्चा अध्यक्ष रवि भगत पद से हटे, राहुल योगराज को मिली जिम्मेदारी

रायपुर, 13 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंगलवार को एक अहम बदलाव देखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए 47 नए पदाधिकारियों की घोषणा की। इस सूची में जहां नए चेहरों को मौका मिला, वहीं एक बड़ा नाम हटाए जाने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई।

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष रहे रवि भगत को पद से हटा दिया गया और उनकी जगह राहुल योगराज टिकरिहा को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। रवि भगत लंबे समय से पार्टी में सक्रिय और संघर्षशील नेता माने जाते थे, लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी की नीतियों और जिला खनिज निधि (DMF) के उपयोग को लेकर सोशल मीडिया पर खुलकर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि यह राशि गांवों में सड़क, पेयजल और अन्य बुनियादी विकास कार्यों में खर्च होनी चाहिए।

ओपी चौधरी पर सवाल उठाने का नतीजा?
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह रवैया भाजपा नेतृत्व को नागवार गुज़रा। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने रवि भगत को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार किया। नोटिस में सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है, अन्यथा पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई संभव है।

नए चेहरे और संगठन विस्तार
भाजपा की नई कार्यकारिणी में 4 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, 4 संगठन सचिव, 6 सह मंत्री और 22 सदस्य शामिल किए गए हैं। विभा अवस्थी को प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष, संतोष पांडे को मुख्य प्रवक्ता और हेमंत पाणिग्रही को प्रदेश मीडिया संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संगठन का दावा है कि यह बदलाव आगामी चुनावी तैयारियों और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से किए गए हैं।

भूपेश बघेल का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा कि रवि भगत ने अडानी से लेकर DMF और CSR में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए थे, इसलिए उन पर कार्रवाई हुई। भूपेश ने आरोप लगाया कि एक आदिवासी नेता को हटाकर यह संदेश दिया गया है कि जो अडानी की टीम के खिलाफ बोलेगा, उसे कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन छीनने के बाद अब भाजपा उनका नेतृत्व भी छीन रही है।

इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल भाजपा के अंदरूनी समीकरणों को उजागर किया है, बल्कि राज्य की राजनीति में आने वाले दिनों के लिए बहस का नया मुद्दा भी खड़ा कर दिया है।