रायपुर, 12 अगस्त 2025।
खरीफ सीजन में किसानों को खाद की कमी से राहत दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के नेतृत्व में राज्य के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा, जहां उन्होंने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की।
बैठक में कृषि मंत्री नेताम ने प्रदेश में इस समय चल रहे रोपा-बियासी कार्य के दौरान खाद की अतिरिक्त मांग का मुद्दा प्रमुखता से रखा। उन्होंने बताया कि धान की फसल के इस महत्वपूर्ण चरण में किसानों को फॉस्फेटिक खाद (डीएपी) और नाइट्रोजनयुक्त खाद (यूरिया) की भारी आवश्यकता होती है। वर्तमान सप्लाई प्लान के तहत जुलाई तक छत्तीसगढ़ को यूरिया की 5.99 लाख और डीएपी की 2.68 लाख मीट्रिक टन आपूर्ति तय थी, लेकिन वास्तविक आपूर्ति इससे कम रही — यूरिया 4.63 लाख मीट्रिक टन और डीएपी 1.61 लाख मीट्रिक टन।
अगस्त माह के लिए यूरिया की 57,600 मीट्रिक टन और डीएपी की 36,850 मीट्रिक टन आपूर्ति तय है, जबकि मांग इससे कहीं अधिक है। इसलिए प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र से 50-50 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया और डीएपी देने का आग्रह किया।
कृषि मंत्री नेताम की पहल और सांसदों के सामूहिक प्रयास के परिणामस्वरूप केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने छत्तीसगढ़ के लिए अतिरिक्त खाद आबंटन को मंजूरी दे दी और उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी किए।
मुलाकात में कृषि मंत्री के साथ लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय, श्री विजय बघेल, श्रीमती कमलेश जांगड़े, श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह और छत्तीसगढ़ मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
भंडारण और वितरण की स्थिति
कृषि विभाग के अनुसार खरीफ 2025 में भारत सरकार से छत्तीसगढ़ को यूरिया का 7.12 लाख मीट्रिक टन, डीएपी का 3.10 लाख मीट्रिक टन और एमओपी का 60 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य मिला है। 11 अगस्त तक राज्य में 6.72 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.14 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 80 हजार मीट्रिक टन एमओपी का भंडारण हो चुका है।
डीएपी की कमी की भरपाई के लिए वैकल्पिक उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। एनपीके का लक्ष्य 1.80 लाख मीट्रिक टन था, जबकि भंडारण 2.37 लाख मीट्रिक टन हो चुका है। इसी तरह एसएसपी का लक्ष्य 2 लाख मीट्रिक टन था, लेकिन 2.95 लाख मीट्रिक टन का भंडारण कर लिया गया है।
किसानों के लिए यह राहत भरी खबर ऐसे समय में आई है, जब धान की रोपाई का काम चरम पर है और फसल की बढ़वार के लिए पर्याप्त खाद की उपलब्धता सबसे अहम मानी जाती है।
