अमेरिकी सर्वे में खुलासा: रूस से तेल आयात पर भारत पर ट्रंप के टैक्स फैसले से असहमति

नई दिल्ली,12 अगस्त 2025। रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्क को लेकर अमेरिकी जनता का एक बड़ा हिस्सा असहमत है। अमेरिका स्थित थिंक टैंक ‘डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट’ के ताजा सर्वे में 53 प्रतिशत प्रतिभागियों ने माना कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम गलत था, जबकि 43 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया।

पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश दिया, जो पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ के ऊपर जुड़ जाएगा। इस तरह कई भारतीय उत्पादों पर शुल्क दर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है—जो किसी भी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार पर लगने वाले सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है।

सर्वे के अनुसार, अमेरिकी जनता भले ही ट्रंप की ‘सुरक्षात्मक शुल्क नीति’ का समर्थन करती है, लेकिन जब ये शुल्क सहयोगी देशों पर भू-राजनीतिक दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, तो उनका रुख बदल जाता है।

दिलचस्प रूप से, 64 प्रतिशत अमेरिकियों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर भारत का आर्थिक प्रभाव बढ़ना अमेरिका के लिए एक “अच्छी बात” है। वहीं 59 प्रतिशत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सफल नेता और भरोसेमंद सहयोगी माना। हालांकि, एच-1बी वीज़ा के मुद्दे पर 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने इसका अंत करने का समर्थन किया, जिससे लाखों कुशल भारतीय पेशेवर प्रभावित होंगे।

सर्वे 3 से 5 अगस्त के बीच 1,500 संभावित अमेरिकी मतदाताओं पर किया गया। इस बीच, भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के नए शुल्क से भारत के करीब 55 प्रतिशत माल निर्यात प्रभावित होंगे। विदेश मंत्रालय ने इसे “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक” बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।