नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025।
लोकसभा ने जजों की जांच अधिनियम, 1968 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा पर लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बी. वी. आचार्य शामिल हैं।
यह मामला इस साल मार्च में सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर आग लगने के बाद आधा जला हुआ नोटों का बंडल मिला था। इस घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा का तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया और सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की।
संसद में विपक्ष का हंगामा और विरोध मार्च
जज जांच के मुद्दे के साथ-साथ संसद के मौजूदा सत्र में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची संशोधन को लेकर भी जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया ‘वोट चोरी’ की साजिश है।
सोमवार को कई विपक्षी सांसदों ने संसद मार्ग पर विरोध मार्च निकाला। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत और टीएमसी की सागरिका घोष समेत 30 से अधिक सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने ले जाया गया।
मंगलवार की कार्यवाही भी इन्हीं मुद्दों पर हंगामे के बीच शुरू हुई, जहां विपक्ष लगातार चर्चा की मांग पर अड़ा है, जबकि सरकार ने अभी तक इस पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।
