रायपुर, 8 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर को कुल 172 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में राजधानी के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और फाउंडेशन के बीच त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह साझेदारी “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” को साकार करेगी और गांव-गांव तक शिक्षा व कौशल विकास की क्रांति पहुंचाएगी। उन्होंने घोषणा की कि “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो शोध, प्रयोग और उद्यमिता के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा।
दान का उपयोग और नई पहलें
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन की ओर से आईआईएम रायपुर को 101 करोड़ रुपये और एनआईटी रायपुर को 71 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
- आईआईएम रायपुर में “ओसवाल छात्रावास” (202 कमरे) और “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर” की स्थापना होगी, साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की शीर्ष संस्थाओं के सहयोग से छह अंतरराष्ट्रीय एमबीए प्रोग्राम शुरू होंगे।
- एनआईटी रायपुर में “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित होगा, जो AI, रोबोटिक्स, IoT, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी जैसे डीप-टेक क्षेत्रों पर कार्य करेगा।
यह केंद्र 2030 तक 10,000 युवाओं को प्रशिक्षण, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और 5,000+ नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखता है।
किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक श्री रामदेव अग्रवाल ने रायपुर में किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे। यह पहल छत्तीसगढ़ को संसाधन-आधारित से नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
