उत्तरकाशी, 5 अगस्त 2025/ – उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में मंगलवार दोपहर बादल फटने (Cloudburst) की घटना के बाद भारी तबाही मच गई है। इस हादसे में भारतीय सेना के 9 जवानों के लापता होने की सूचना है, जबकि 40 से 50 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
बादल फटने की यह घटना दोपहर 1:45 बजे धाराली गांव के पास हुई, जो हर्षिल स्थित सेना के शिविर से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर है।
⚠ घटनाक्रम:
- बादल फटने से खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे भयंकर बाढ़ और मलबे ने धाराली क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया।
- यह क्षेत्र गंगोत्री यात्रा मार्ग का प्रमुख पड़ाव है, जहां बड़ी संख्या में होटल, रेस्तरां और होमस्टे स्थित हैं।
- 10 मिनट के भीतर, सेना ने 150 जवानों को राहत कार्यों में तैनात कर दिया।
🪖 सेना का आधिकारिक बयान:
“यूनिट बेस कट जाने और भारी नुकसान के बावजूद हमारी टीम ने साहस और समर्पण के साथ राहत कार्य जारी रखा है। यह भारतीय सेना की वास्तविक भावना को दर्शाता है – संकल्पित, निःस्वार्थ और सदैव देश सेवा के लिए तत्पर।”
सेना ने यह भी बताया कि अतिरिक्त टुकड़ियाँ भेजी जा रही हैं और स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
🚨 प्रशासन की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे “बेहद दुखद और पीड़ादायक घटना” बताते हुए कहा कि:
“धाराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुई भारी तबाही की खबर अत्यंत दुखद है। SDRF, NDRF, जिला प्रशासन और अन्य टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।”
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर राहत कार्य में नहीं लगाए जा सके।
⛈ जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम:
भारतीय हिमालय क्षेत्र को अत्यधिक मौसमीय घटनाओं जैसे बादल फटना, तीव्र वर्षा, फ्लैश फ्लड और हिमस्खलन के लिए अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है।
जलवायु परिवर्तन के कारण इन घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है।
⛑ राहत और बचाव कार्य:
- सेना और स्थानीय प्रशासन द्वारा फंसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
- भारी बारिश के चलते शाम तक राहत कार्य बाधित रहे।
- सेना का कहना है कि स्थानीय नागरिकों को हर संभव सहायता दी जा रही है।
