बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग: 130 स्वास्थ्य संस्थानों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन

रायपुर, 5 अगस्त 2025 — लंबे समय से नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाकों में गिनी जाने वाली छत्तीसगढ़ की बस्तर संभाग की स्वास्थ्य सेवाएं अब एक क्रांतिकारी बदलाव से गुजर रही हैं। एक अधिकारी के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 के बीच बस्तर के 130 स्वास्थ्य संस्थानों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) का प्रमाणन मिला है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में बस्तर में स्वास्थ्य व्यवस्था को मिली नई दिशा

राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर में स्वास्थ्य ढांचे के सुदृढ़ीकरण से लेकर स्टाफ की व्यापक भर्ती तक कई ठोस कदम उठाए गए हैं। इसका उद्देश्य है कि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचे।

इन 130 संस्थानों में शामिल हैं:

  • 1 जिला अस्पताल
  • 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)
  • 113 उप-स्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Centres)

इसके अतिरिक्त, 65 अन्य स्वास्थ्य संस्थान अभी प्रमाणीकरण प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।


‘नियाद नेलनार योजना’ से बढ़ी आयुष्मान कार्ड की कवरेज

बस्तर में ‘नियाद नेलनार योजना’ के तहत आयुष्मान कार्ड वितरण को तेज़ी मिली है।

  • पिछले एक वर्ष में 36,231 कार्ड बनाए गए हैं
  • 52.6% जनसंख्या को योजना के अंतर्गत लाया गया है
  • अब तक 6,816 लाभार्थियों को ₹8.22 करोड़ की चिकित्सा सहायता दी गई है

स्वास्थ्य विभाग में भर्ती और विस्तार

स्वास्थ्य सेवा की मजबूती के लिए राज्य सरकार ने पिछले 18 महीनों में:

  • 33 विशेषज्ञ डॉक्टर
  • 117 मेडिकल ऑफिसर
  • 1 डेंटल सर्जन
    की नियुक्ति की है।

साथ ही:

  • 75 राज्य स्तरीय
  • 307 ज़िला स्तरीय स्टाफ की भी भर्ती हुई है
  • 291 और पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर की लगातार सुधरती स्वास्थ्य सेवाओं पर संतोष जताया और इसका श्रेय मितानिनों, स्वास्थ्यकर्मियों और विभागीय अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि

“अब स्वास्थ्य सेवाएं उन क्षेत्रों तक भी पहुँच रही हैं, जिन्हें कभी ‘अप्रवेश्य’ (inaccessible) माना जाता था।”

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है —

हर ज़िले में समान स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, विशेष रूप से आदिवासी और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में।”

उन्होंने यह भी बताया कि ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान के तहत घर-घर स्क्रीनिंग, त्वरित इलाज और जन-जागरूकता कार्यक्रमों ने मलेरिया की रोकथाम में अहम भूमिका निभाई है।


बस्तर दौरे पर जाएंगे स्वास्थ्य मंत्री

5 से 7 अगस्त तक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी टीम के साथ बस्तर दौरे पर रहेंगे

  • वे प्रमुख जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे
  • सुकमा और बीजापुर के दूरस्थ गाँवों का दौरा करेंगे
  • स्वास्थ्य समीक्षा बैठकें भी आयोजित होंगी