दुर्ग, 04 अगस्त 2025
शांतिपारा, बैकुण्ठधाम में एक व्यक्ति की मौत को लेकर पीलिया (Jaundice) से मृत्यु की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह खबर भ्रामक निकली है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मनोज दानी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मृतक की मौत का कारण पीलिया नहीं बल्कि गंभीर लिवर रोग, गॉलब्लैडर परफोरेशन और सेप्टिक शॉक रहा।
🧪 स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया
पीलिया से मौत की जानकारी मिलने के बाद, डॉ. सी.बी.एस. बंजारे (जिला सर्वेलेंस अधिकारी, IDSP) एवं श्रीमती रितिका सोनवानी (जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट) के नेतृत्व में 04 अगस्त को टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इससे पहले 03 अगस्त को ANM एवं मितानिन को पीलिया से मौत की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्वे और जांच कार्य शुरू हुआ।
🧍♂️ मृतक की चिकित्सकीय पृष्ठभूमि
परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार –
- 23 जुलाई 2025: मृतक को पेट दर्द हुआ, जिसके बाद शारदापारा स्थित स्थानीय चिकित्सक से दवा ली गई।
- पुनः परेशानी बढ़ने पर पीलिया जांच के लिए सैंपल भेजा गया।
- मृतक शराब का आदी था और उसका पेट फूलने लगा।
- 29 जुलाई 2025: उसे CM मेडिकल कॉलेज कचांदूर ले जाया गया, जहाँ से उसे मेकाहारा रायपुर रेफर किया गया।
- उसी रात बालाजी अस्पताल रायपुर, मोवा में भर्ती कराया गया, जहाँ लीवर और अन्य अंगों में सूजन पाई गई।
- डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की बात कही, और मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया।
- 03 अगस्त की सुबह 9 बजे बालाजी अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
🏥 डेथ रिपोर्ट में स्पष्ट कारण
बालाजी हॉस्पिटल की डेथ रिपोर्ट के अनुसार मरीज की मृत्यु का कारण था:
“Sepsis with Septic Shock with Chronic Liver Disease with Gall Bladder Perforation”
अर्थात सेप्सिस, लंबे समय से लिवर की बीमारी और गॉलब्लैडर फटने की स्थिति ने मिलकर मरीज की जान ली। इसलिए यह पुष्टि की गई है कि मृत्यु का कारण पीलिया नहीं था।
🔚 निष्कर्ष
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में तत्परता और पारदर्शिता का परिचय देते हुए स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में पीलिया जैसी संक्रामक बीमारी का कोई सामुदायिक फैलाव नहीं है। ऐसे मामलों में अफवाहों से बचने और प्रामाणिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की गई है।
