रायपुर, 4 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र और जगदलपुर के हजारीगुड़ा गांव से बेहद हृदयविदारक घटनाएं सामने आई हैं। अलग-अलग घटनाओं में 5 मासूम बच्चों की गहरे पानी में डूबने से मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गहरा शोक जताया है और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
🕯️ मासूमों की असमय मौत से शोक में डूबा प्रदेश
इन घटनाओं में शामिल सभी बच्चे बारिश के मौसम में नदी, नाले या अन्य जलस्रोतों में नहाने के लिए गए थे, जहां पानी की गहराई और बहाव का अंदाजा न होने के कारण वे उसमें डूब गए। दोनों घटनाओं ने न सिर्फ प्रभावित परिवारों को, बल्कि पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इसे “अत्यंत पीड़ादायक और असहनीय त्रासदी” करार दिया और ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति एवं परिजनों को धैर्य देने की प्रार्थना की।
💰 आर्थिक सहायता के निर्देश
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को तत्काल 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि राज्य शासन के नियमानुसार प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में हर कदम पर शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है।
⚠️ गहरे जल स्रोतों से सतर्कता की अपील
श्री साय ने प्रदेशवासियों से बरसात के मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि नदी, नालों और अन्य जल स्रोतों में पानी का स्तर अक्सर अचानक बढ़ता है, जो बच्चों और किशोरों के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा –
“बच्चों को गहरे जल स्रोतों के पास जाने से रोका जाए और सतर्कता ही सुरक्षा है।”
🚨 रोकथाम के लिए होंगे ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने समाज में जल-सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने और जोखिम वाले इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाने, खतरनाक स्थलों की मैपिंग और चिन्हांकन करने जैसे उपायों को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को इस दिशा में प्राथमिकता से कार्य करना चाहिए।
🔚 निष्कर्ष
यह दुखद घटना एक बार फिर बताती है कि मानसून के मौसम में जलस्रोतों की अनदेखी कितनी घातक हो सकती है। सरकार की अपील और सुरक्षा उपायों के साथ-साथ सामुदायिक सतर्कता भी जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी पीड़ादायक घटनाओं से बचा जा सके।
