नई दिल्ली, अगस्त 2025 — भारत में सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के दिल की आवाज़ बन चुकीं मशहूर शिक्षिका नीतू सिंह (केडी कैंपस) ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) को बेरोजगारों की बर्बादी का ‘सरकारी मकड़जाल’ बताते हुए सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। नीतू मैम ने कहा कि अगर SSC और सरकार ने अपनी रवैया नहीं बदली तो देश का युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा।
दिल्ली में विरोध के बीच पुलिस की बर्बरता
हाल ही में दिल्ली में SSC की परीक्षा प्रणाली और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों को पुलिस ने जबरन बसों में भरकर थानों में बंद कर दिया। नीतू सिंह, जो लाखों छात्रों की मार्गदर्शक रही हैं, स्वयं इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही थीं। उन्होंने बताया कि हर बार छात्रों की समस्याएं अनसुनी कर दी जाती हैं, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है।
SSC का निकम्मापन: युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
नीतू सिंह ने आरोप लगाया कि SSC के पास एक स्थायी परीक्षा प्रणाली नहीं है। पेपर लीक, भ्रष्टाचार और बार-बार परीक्षा रद्द होने से लाखों होनहार युवाओं का भविष्य अंधकार में जा रहा है।
SSC, जो केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है, की जिम्मेदारी है कि वह केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में रिक्त पदों पर समय पर पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां करे। लेकिन नीतू सिंह ने खुलकर कहा कि यह संस्था अब निकम्मी हो चुकी है और युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
दिल्ली में शिक्षकों का हुंकार
जहां कई कोचिंग संस्थानों ने डर के कारण खुद को इस मुद्दे से अलग रखा, वहीं अभिनय सर, राकेश यादव और रानी मैम जैसे प्रमुख शिक्षक भी नीतू सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए। यह नजारा दर्शाता है कि मामला सिर्फ एक परीक्षा प्रणाली का नहीं, बल्कि करोड़ों युवाओं के सपनों और भरोसे का है।
सरकार की बेरुखी और पुलिसिया दमन
जब SSC से असंतुष्ट युवा और शिक्षक केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मिलने जा रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोककर लाठियों से डराने की कोशिश की और बाद में उन्हें बसों में भरकर थानों में डाल दिया।
नीतू सिंह ने दो टूक कहा:
“अगर सरकार और SSC ने अब भी सुध नहीं ली, तो आने वाले समय में सड़कों पर उतरकर यह युवा खुद अपना हक मांगेंगे। यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं बल्कि एक चेतावनी है।”
