छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण हेतु केंद्र सरकार का बड़ा कदम – ₹26.24 करोड़ का आवंटन

रायपुर, 31 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ की प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण कर ऐतिहासिक महत्व की संरचनाओं की पहचान की गई है।

सांसद श्रीमती फूलो देवी नेताम के प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में ₹26.24 करोड़ की राशि राज्य की धरोहरों के संरक्षण व मरम्मत हेतु आवंटित की गई है। यह प्रयास राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

सर्वेक्षण और निधि आवंटन के प्रमुख बिंदु:

  • 764 गांवों का सर्वेक्षण, जिनमें 73 गांवों में प्राचीन अवशेष मिले।
  • केंद्र संरक्षित स्मारकों की मरम्मत, संरक्षण एवं रखरखाव के लिए:
    • 2020-21 में ₹2.89 करोड़
    • 2021-22 में ₹4.78 करोड़
    • 2022-23 में ₹7.50 करोड़
    • 2023-24 में ₹5.94 करोड़
    • 2024-25 में ₹5.13 करोड़
  • आवंटित पूरी राशि हर वर्ष व्यय की गई है।

मंत्री शेखावत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल भारत की मूर्त सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए लगातार चलाए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ज्ञान से जोड़ने का कार्य भी हो सके।

यह कदम राज्य में स्थित प्राचीन मंदिरों, किलों, स्मारकों और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा, साथ ही पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।