बिलासपुर, 30 जुलाई 2025।
ग्रामसभा में पंचायत के कथित भ्रष्टाचार को उजागर करना LLB छात्र रंजेश सिंह को भारी पड़ गया। आरोप है कि भाजपा नेता के समर्थकों ने छात्र की कार्यालय में पिटाई की और जब वह शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा, तो थाने में भी हमला किया गया। हैरानी की बात यह रही कि पुलिस ने हमला झेलने वाले छात्र के खिलाफ ही एट्रोसिटी एक्ट समेत आठ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया, जबकि आरोपियों पर सिर्फ मामूली धाराओं में केस दर्ज किया गया।
भ्रष्टाचार के दस्तावेजों का खुलासा
यह मामला बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम मोहतरा का है। सोमवार को ग्रामसभा में बतौर अध्यक्ष शामिल हुए छात्र नेता रंजेश सिंह ने पंचायत में पिछले 10 वर्षों में हुए घोटालों के दस्तावेज प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कई निर्माण कार्यों का भुगतान एक ही व्यक्ति के नाम पर हुआ है, जिसके पास कोई वैध दुकान या बिल नहीं है।
उदाहरण के तौर पर, 49 हजार रुपये में 2000 लीटर की पानी टंकी खरीदी गई, लेकिन न टंकी दिखी और न ही विक्रेता। इसी तरह, 8 लाख रुपये में सामूहिक शौचालय का निर्माण दिखाया गया, जबकि मनरेगा के तहत केवल 3.5 लाख में निर्माण कराया गया।
भाजपा नेता के समर्थकों पर हमला का आरोप
रंजेश सिंह के खुलासे से नाराज ग्राम के उपसरपंच और भाजयुमो मंडल अध्यक्ष इंद्रजीत क्षत्रिय ने अपने समर्थकों के साथ छात्र पर हमला किया। छात्र ने थाने में शिकायत की, लेकिन वहां भी उस पर दूसरा हमला किया गया। पुलिस ने इसके बाद रंजेश सिंह पर एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) और बीएनएस की धारा 391, 351, 115, 296 के तहत मामला दर्ज कर लिया, जबकि हमलावरों पर हल्की धाराएं लगाई गईं।
पूर्व मंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग
पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इस घटना को लेकर पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया और आईजी डॉ. संजीव शुक्ला से बात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करना अपराध नहीं है, और रंजेश सिंह के साथ हुआ बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
