दछिगाम ऑपरेशन में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी ढेर, पहलगाम हमले के थे मास्टरमाइंड

श्रीनगर, 30 जुलाई 2025। जम्मू-कश्मीर के दछिगाम जंगलों में 28 जुलाई को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ‘महादेव’ में तीन खूंखार पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया। ये वही आतंकवादी हैं जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के सुलैमान उर्फ फैज़ल जट्ट, हमज़ा अफगानी और ज़िबरान के रूप में हुई है। तीनों आतंकवादी लगभग तीन वर्ष पूर्व पाकिस्तान से भारत में घुसे थे और घाटी में सक्रिय थे।

इन आतंकियों ने अल्ट्रा हाई फ्रिक्वेंसी (UHF) वायरलेस सेट्स के माध्यम से सीमा पार और अपने सहयोगियों से संपर्क बनाए रखा। सुरक्षा एजेंसियों ने 22 मई को इन सेट्स की सिग्नल ट्रैकिंग कर उनके ठिकानों को चिह्नित किया और दछिगाम के घने जंगलों को चारों ओर से घेर लिया। कई दिन की तलाशी के बाद, 22 जुलाई को तीनों आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली, जिसके आधार पर ऑपरेशन ‘महादेव’ को अंजाम दिया गया।

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मारे गए तीनों आतंकी पाकिस्तान के नागरिक थे। इनके पास से पाकिस्तान के वोटर कार्ड और पाकिस्तानी चॉकलेट बरामद हुए हैं। ऑपरेशन में आईबी और सेना की संयुक्त कार्रवाई रही, जिसमें उनके वायरलेस उपकरणों का पीछा करते हुए उन्हें ट्रैक किया गया।

गौरतलब है कि सुलैमान पर अक्टूबर 2024 में गंदरबल जिले के गगनगीर में निर्माण कंपनी पर हुए आतंकी हमले का भी आरोप था, जिसमें सात लोग मारे गए थे।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जून में दो स्थानीय लोगों परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने इन आतंकियों को 21 अप्रैल की रात बाइसारन घास के मैदान के पास एक ढोक (झोपड़ी) में शरण दी थी।

गृह मंत्री ने बताया कि मारे गए आतंकियों से बरामद दो AK-47 और M4 कार्बाइन राइफलों की फोरेंसिक जांच में यह पुष्टि हुई कि ये हथियार पहलगाम हमले में उपयोग किए गए थे। ऑपरेशन ‘महादेव’ की सफलता से घाटी में आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।