छत्तीसगढ़ सरकार ने पांच डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री पर लगाई रोक, अवैध प्लाटिंग पर लगेगा अंकुश

जांजगीर-चांपा, 28 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ में अब पांच डिसमिल (0.05 एकड़) से कम भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने अवैध प्लाटिंग पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाया है। 20 जुलाई 2025 से यह आदेश पूरे राज्य में लागू हो गया है। इससे जमीन दलालों द्वारा कृषि भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े बेचने की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगेगी।

क्या है आदेश की वजह?

जिलेभर में खासकर जांजगीर सहित अन्य क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से अवैध प्लाटिंग का बाढ़ जैसा माहौल बन गया था। कृषि भूमि को छोटे टुकड़ों में काटकर एक ही खसरे से 20-25 भूखंड बनाकर रजिस्ट्री की जा रही थी। इससे शहरीकरण अव्यवस्थित हो रहा था और भूमि उपयोग कानून का उल्लंघन भी हो रहा था।

रजिस्ट्री विभाग बना था मूकदर्शक

पंजीयन विभाग में बिना जांच-पड़ताल के जमीन की रजिस्ट्री की जा रही थी। जिला प्रशासन केवल आदेश तक सीमित रहा और अवैध प्लाटिंग पर वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में राज्य सरकार को फिर से पांच डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का निर्णय लेना पड़ा।

कानूनी प्रावधान क्या है?

विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में पारित भू राजस्व संहिता विधेयक 2025 के तहत यह प्रावधान लागू किया गया है। इसके अनुसार अब कृषि भूमि का ऐसा कोई उपखंड नहीं बनाया जा सकेगा जिसका क्षेत्रफल 0.05 एकड़ (पांच डिसमिल) से कम हो।

बीजेपी सरकार का पुराना फैसला फिर लागू

उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में यह नियम पहले से लागू था, जिसे कांग्रेस सरकार ने हटा दिया था, जिससे छोटी भूमि रजिस्ट्री को बढ़ावा मिला। अब फिर से बीजेपी सरकार ने इसे पुनः लागू कर दिया है।

जिला पंजीयक चित्रसेन पटेल ने बताया कि 20 जुलाई से आदेश लागू हो चुका है और सभी उप पंजीयकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि पांच डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री स्वीकार न की जाए।