आयकर विधेयक 2025 पर संसदीय समिति की रिपोर्ट 21 जुलाई को लोकसभा में होगी पेश, कानून में 285 सुझाव शामिल

नई दिल्ली, 20 जुलाई 2025 — छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाले नए आयकर विधेयक 2025 को लेकर तैयार की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट सोमवार, 21 जुलाई 2025 को लोकसभा में पेश की जाएगी। यह विधेयक देश की कर प्रणाली को सरल, स्पष्ट और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

31 सदस्यीय चयन समिति, जिसकी अध्यक्षता भाजपा नेता बैजयंत पांडा कर रहे हैं, ने 13 फरवरी को पेश किए गए इस नए विधेयक की गहन समीक्षा के बाद 285 सुझाव दिए हैं। समिति ने 16 जुलाई को अपनी अंतिम बैठक में रिपोर्ट को मंजूरी दी थी।

🔍 क्या है नया आयकर विधेयक 2025?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया यह नया विधेयक, वर्तमान कानून की तुलना में आधा आकार का है और इसे स्पष्ट एवं सरल भाषा में तैयार किया गया है ताकि करदाताओं को कम से कम कानूनी विवादों का सामना करना पड़े।

🔑 प्रमुख बदलाव:

  • विधेयक की शब्द संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख की गई है।
  • सेक्शन की संख्या 819 से घटाकर 536 और अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 की गई है।
  • पुराने कानून के 1,200 प्रावधान (Provisos) और 900 व्याख्याएं (Explanations) हटाए गए हैं।
  • 57 नई तालिकाएं जोड़ी गई हैं (पुराने कानून में केवल 18 थीं)।
  • TDS/TCS और छूट से संबंधित प्रावधान को तालिका स्वरूप में सरल किया गया है।
  • “पिछला वर्ष” और “आकलन वर्ष” की पुरानी व्यवस्था खत्म कर दी गई है, अब केवल “कर वर्ष (Tax Year)” की अवधारणा होगी।

यह विधेयक करदाता के अनुकूल माने जा रहे उन सुधारों में शामिल है जिनसे आयकर कानून अधिक पारदर्शी और सुगम बनाया जा सकेगा। गैर-लाभकारी संगठनों (Not-for-Profit Organisations) के लिए समर्पित अध्याय को भी नया स्वरूप दिया गया है।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में विधेयक पेश करते समय कहा था कि यह बदलाव “बड़े स्तर पर” किया गया है और यह नए भारत की कर व्यवस्था को आधुनिक और विवाद-मुक्त बनाएगा।

अब जब समिति की रिपोर्ट संसद में पेश की जा रही है, इस विधेयक के जल्द कानून बनने की उम्मीद की जा रही है।