दुर्ग, 19 जुलाई 2025 – आम आदमी पार्टी (AAP) ने छत्तीसगढ़ सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रदेश में खाद और बीज की भारी कमी से किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी है।
AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश सहकारी समितियों में डीएपी, यूरिया और बीज की किल्लत बनी हुई है। इस संबंध में 20 जून 2025 को राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन एक महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जबकि किसान दर-दर भटक रहे हैं।”
प्रदेश महासचिव वदूद आलम ने बताया कि सरकार की ओर से की जा रही वैकल्पिक खाद (NPK, SSP, नैनो डीएपी) की बातें सिर्फ दिखावा हैं। खरीफ सत्र 2025 के लिए 3.10 लाख टन डीएपी की जरूरत थी, जबकि अब तक केवल 1.10 लाख टन ही किसानों को उपलब्ध हो पाया है। यूरिया के 7.12 लाख टन लक्ष्य के विरुद्ध सिर्फ 3.59 लाख टन ही वितरित हुआ है। बीजों की मांग 4.32 लाख क्विंटल थी, लेकिन उपलब्धता सिर्फ 3.83 लाख क्विंटल रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि निजी विक्रेताओं के माध्यम से महंगे दामों (₹2100 प्रति बैग) पर खाद बेचा जा रहा है, जिससे किसान आक्रोशित हैं।
प्रदेश संगठन मंत्री संजीत विश्वकर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नकली खाद और बीज की बिक्री हो रही है और इसमें मैदानी अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। किसानों को मनमानी कीमतों पर खाद लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है और कमी की स्थिति में समितियों द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है।
AAP नेता देविंदर सिंह भाटिया ने कहा, “जिस प्रदेश को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है, आज वही किसान खाली कटोरा लिए घूमने को मजबूर है।” उन्होंने इसे सरकार की नाकामी करार दिया।
दुर्ग लोकसभा अध्यक्ष गीतेश्वरी बघेल और महासचिव ज्ञान प्रकाश तिवारी ने मांग की कि सरकारी समितियों की जांच कर कीमतें नियंत्रित की जाएं और बीज-खाद के अतिरिक्त स्टॉक तैयार किए जाएं।
AAP के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों – रवि साहू, दिवाकर ठाकुर, अजय रमेटेके, राजेश बंछोर और शिवा रायडू – ने संयुक्त रूप से चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याएं शीघ्र हल नहीं हुईं, तो AAP किसानों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी।
