दस्तावेजों में कूटरचना कर दुकान का मालिकाना हक परिवर्तित कराए का प्रयास करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। आरोपियों ने दुकान के वास्तिविक मालिक के फर्जी हस्ताक्षर कर निगम से दुकान का नामांतरण कराने का प्रयास किया था। मामले में न्यायालय के निर्देश पर पुलिस ने कूटरचना करने के आरोपी के साथ उसके दो सहयोगियों के खिलाफ भी दफा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नगर निगम की इंदिरा मार्केट स्थित दुकान क्र. 62 से संबंधित है। बोरसी निवासी हरवंश लाल धींगरा को नगर निगम द्वारा पट्टे पर इस दुकान को आवंटित किया गया है। इस दुकान को हरवंस के बड़े भाई गोविंद धींगरा ने अपने परिचित रायपुर नाका निवासी जगदीश चंद्र दुबे को किराए पर दिया था। जगदीश चंद्र की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण दुकान में अजय चंद्र दुबे द्वारा भारत सायकिल ऐजेंसी का संचालन किया जा रहा था। हरवंश को स्वयं व्यवसाय के लिए दुकान की आवश्यक्ता होने के कारण दुकान को खाली किए जाने की मांग की गई थी। जिस पर वर्ष 2011 में दीपावली से पूर्व दुकान का हक सौंपने का वादा अजय द्वारा किया गया था। इसके बाद दुकान खाली नहीं किए जाने पुर जनवरी 2012 से 5 हजार रु. किराया देने का आश्वासन अजय ने दिया। यह किराया सिंतबर 2012 के बाद से देना बंद कर दिया गया था।
नोटिस पर दुकान का नामांतण करा लिए जाने की दी जानकारी
किराया नहीं मिलने पर हरवंश लाल धींगरा ने 21 अगस्त 2014 को अधिवक्ता के माध्यम से बकाया किराया देने और दुकान का कब्जा सौंपने का नोटिस भेजा गया था। जिसके जवाब में अजय चंद्र ने दुकान का नामांतरण उसके नाम होने का हवाला देकर दुकान खाली करने से इंकार कर दिया।
निगम ने नहीं कराई एफआईआर
इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी ने 31 मार्च 2015 को नगर निगम में स्वामी अंतरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। पतासाजी करने पर ज्ञात हुआ कि प्रस्तुत आवेदन में हरवंश लाल के फर्जी हस्ताक्षर युक्त सहमति पत्र संलग्न किया गया है। फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि होने के बाद नामांतरण प्रक्रिया निगम द्वारा रोक दी गई थी। जिसकी शिकायत निगम आयुक्त से की गई थी। आश्वसन के बावजूद आयुक्त द्वारा इस मामले की एफआईआर पुलिस में नहीं की गई। जिसके बाद अदालत में परिवाद पेश किया गया था।
अदालत ने दिए आदेश
प्रकरण पर निचारण पश्चात प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी अनूीप तिग्गा ने प्राथमिक दृष्टि में दस्तावेजों में कुटरचना किया जाना पाया। जिसके आधार पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। आदेश के आधार पर पुलिस ने आरोपी अजय चंद्र दुबे के साथ कूटरचना में सहयोग प्रदान करने वाले जवाहर नगर निवासी प्रकाश नारायण मिश्रा तथा भिलाई सेक्टर 4 निवासी इंदुमति दुबे के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।