फौजा सिंह हिट एंड रन केस: 114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक को टक्कर मारने वाला आरोपी एनआरआई अमृतपाल सिंह गिरफ्तार

जालंधर, 16 जुलाई 2025:
दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह की मौत के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। हिट एंड रन केस में फरार चल रहे आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों को पुलिस ने मंगलवार देर रात उसके गृह नगर करतारपुर से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी एक एनआरआई (Non-Resident Indian) है और हाल ही में कनाडा से भारत लौटा था। वही दुर्घटना के समय टॉयोटा फॉर्च्यूनर SUV चला रहा था, जिसने फौजा सिंह को टक्कर मारी थी।


🚨 अपराध कबूल, हादसे के बाद भाग गया था आरोपी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान अमृतपाल सिंह ने स्वीकार किया कि उसने सोमवार दोपहर भोगपुर में अपना फोन बेचने के बाद लौटते समय फौजा सिंह को टक्कर मार दी थी।
कार तेज रफ्तार में थी, और टक्कर इतनी जोरदार थी कि फौजा सिंह करीब 5 से 7 फीट हवा में उछल गए
डर के कारण अमृतपाल मौके से भाग गया, जिसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


📸 CCTV और गाड़ी के टुकड़े से मिली पहचान

जालंधर ग्रामीण के एसएसपी हरविंदर सिंह ने बताया कि CCTV फुटेज और घटनास्थल से बरामद हेडलाइट के टुकड़ों के आधार पर आरोपी और वाहन की पहचान की गई।
पुलिस ने बताया कि यह पंजाब रजिस्टर्ड टॉयोटा फॉर्च्यूनर थी, जिसकी रेजिस्ट्रेशन प्लेट पढ़ने लायक थी
वाहन की मालिकियत में बदलाव हो चुका था, लेकिन जांच के बाद वर्तमान मालिक अमृतपाल तक पहुंच बना ली गई


🚶‍♂️ हादसे के वक्त टहल रहे थे फौजा सिंह

114 वर्षीय फौजा सिंह, जो कि अपने अद्वितीय धावन कौशल और फिटनेस के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध थे,
सोमवार दोपहर को अपने गांव के पास जालंधर-पठानकोट हाईवे पर टहल रहे थे।
हादसा घर से मात्र 400 मीटर की दूरी पर हुआ और शाम को उनकी मृत्यु हो गई।


📜 कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने हादसे के तुरंत बाद BNS की धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना) और
धारा 105 (ऐसा अपराध जिससे हत्या न हो लेकिन जान को खतरा हो) के तहत
अज्ञात चालक के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसे अब आरोपी की गिरफ्तारी में तब्दील कर लिया गया है।


🙏 फौजा सिंह की विरासत

फौजा सिंह ने अपने जीवन में कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन में भाग लिया, और
100 वर्ष की उम्र के बाद भी दौड़ने वाले विश्व के पहले एथलीट के रूप में पहचाने जाते हैं।
उनकी अनुशासित जीवनशैली, फिटनेस और प्रेरक व्यक्तित्व ने लाखों लोगों को प्रभावित किया।


निष्कर्ष:
फौजा सिंह की दुखद मौत न केवल एक प्रेरणादायक जीवन का अंत है, बल्कि यह घटना
सड़क सुरक्षा, तेज रफ्तार और जिम्मेदार ड्राइविंग जैसे मुद्दों को फिर से सतह पर लाती है।
पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया है कि न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है।