रायपुर, 15 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के छोटे से गांव उमरदा की रहने वाली एनु, आज पूरे देश में “स्कूटी दीदी” के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनकी संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति, साहस और समर्पण हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एनु की सराहना करते हुए कहा कि –
“एनु जैसी बेटियाँ ही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं। उनका संकल्प, साहस और सेवा भाव ग्रामीण विकास की नई कहानी लिख रहा है।”
✅ महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना
वर्ष 2023 में एनु ने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” की शुरुआत की। प्रारंभ में जहां केवल 2-3 महिलाएँ प्रशिक्षण लेती थीं, अब तक 30 से अधिक महिलाएं स्कूटी चलाना सीख चुकी हैं, जो अब स्कूल, बैंक, आंगनबाड़ी और अस्पताल जैसी जगहों पर स्वतंत्र रूप से पहुँच रही हैं।
✅ साधारण से असाधारण तक का सफर
एनु का जन्म एक साधारण ग्रामीण परिवार में हुआ, लेकिन परिस्थितियों की कठिनाइयों ने कभी उनके हौसले को नहीं तोड़ा। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (MA) की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया। एक लाख रुपये का ऋण लेकर उन्होंने आत्मनिर्भरता की राह पर कदम रखा और समय पर ऋण चुकाकर आर्थिक अनुशासन की मिसाल पेश की।
✅ “स्कूटी दीदी” के नाम से पहचान
एनु को यह एहसास हुआ कि ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता में गतिशीलता (mobility) एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने ‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा। प्रारंभ में समाज के तानों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे वे स्कूटी से गांव-गांव महिलाओं से जुड़ने लगीं और लोगों ने उन्हें “स्कूटी दीदी” कहना शुरू कर दिया।
✅ सामाजिक सोच में सकारात्मक बदलाव
एनु की पहल ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि ग्रामीण समाज की सोच में भी बड़ा परिवर्तन लाया है। अब माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों और बहुओं को स्कूटी प्रशिक्षण के लिए भेज रहे हैं। एनु का सपना है कि 1000 महिलाओं को सशक्त बनाएं और शीघ्र ही चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र शुरू करें।
✅ मल्टी-स्किल ट्रेनिंग में भी अग्रणी
एनु का योगदान केवल ड्राइविंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों और घरेलू प्रबंधन में भी महिलाओं को दक्ष बनाया है। वे ग्रामीण उद्यमिता की जीती-जागती मिसाल बन चुकी हैं।
✅ भारत सरकार ने की सराहना
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा और धमतरी कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने स्वयं उमरदा गांव पहुंचकर एनु से मुलाकात की और उनके कार्यों की सराहना की। मंत्रालय ने एनु की कहानी को आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा करते हुए उन्हें “सच्ची प्रेरणा” बताया।
✅ राज्य सरकार का समर्थन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार ‘बिहान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से एनु जैसे नवाचारों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा,
“छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन की वाहक बन रही हैं।”
