दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए राज्य से श्रमिकों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। अब श्रमिकों को राज्य से बाहर ले जाने व अन्य राज्यों से लाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही श्रमिकों की पंचायत स्तर पर पंजी का संधारण भी किया जाएगा। यह निर्देश संबंधित ठेकेदार/सट्टेदार/ एजेण्ट की जानकारी में लाते हुए कार्यवाही तत्काल प्रभाव से आगामी 30 अप्रैल तक सुनिश्चित किया गया है।
जारी निर्देश में कहा गया है कि देश एवं प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नोवेल करोना कोविड-19 वायरस से संक्रमण के कुछ प्रकरण संज्ञान में आये है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश से कार्य करने प्रदेश से बाहर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों तथा राज्य में प्रदेश के बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रखा जाना आवश्यक है जिससे कि नोबेल कोरोना वायरस के संक्रमण के विस्तार को रोका जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्तें) अधिनियम, 1979 के प्रावधानों के तहत 5 अथवा 5 से अधिक श्रमिकों का अन्य प्रदेशों में ठेकेदार/सट्टेदार/एजेंट के माध्यम से नियोजन की स्थिति में ठेकेदार को अनुज्ञप्ति श्रम विभाग अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से लिया जाना अनिवार्य है। साथ ही प्रत्येक श्रमिकों की जानकारी ग्राम पंचायत द्वारा संधारित पंजी में दर्ज किया जाना अनिवार्य है।
अतः नोबेल कोरोना कोविड-19 वायरस से संक्रमण के विस्तार से बचाव हेतु अधिनियम अंतर्गत प्रवासी श्रमिक ठेकेदार पर निगरानी रखा जाना अनिवार्य है। अतःयह सुनिश्चित किया जावे कि कोई भी ठेकेदार/सट्टेदार/एजेन्ट बिना संबंधित जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के संज्ञान में लाये बिना प्रवासी कर्मकारों को अन्य राज्यों में लेकर नहीं जायेगा एवं अन्य प्रदेशों से छत्तीसगढ़ प्रदेश में लेकर नहीं आयेगा।