दुर्ग, 14 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान चलाकर छह महीनों में पीड़ितों को ₹1,93,94,464 की राशि वापस दिलाने में सफलता हासिल की है। यह सफलता साइबर ब्रांच और लोकल साइबर सेल की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई का नतीजा है।
पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि, “साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को अगर समय रहते शिकायत दर्ज कराई जाए, तो उनका पैसा वापस लाया जा सकता है।”
रिकवरी का विस्तृत विवरण
प्रकार के मामले | रिकवरी राशि (₹) |
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डिजिटल अरेस्ट केस | ₹10,80,298 |
ऑनलाइन फ्रॉड (नौकरी, निवेश, लोन, गिफ्ट आदि) | ₹1,83,14,166 |
कुल रिकवरी | ₹1,93,94,464 |
बढ़ रही साइबर सतर्कता और पुलिस की तत्परता
एसएसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि
- साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
- दुर्ग की साइबर टीमें 24×7 एक्टिव हैं और तुरंत कार्रवाई कर रही हैं।
- पीड़ितों से मिली जानकारी के आधार पर बैंक ट्रांजेक्शन को फ्रीज़ करके पैसे लौटाए जा रहे हैं।
साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू
दुर्ग पुलिस ने साइबर सुरक्षा और जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की है जिसमें नागरिकों को बताया जा रहा है:
- 1930 हेल्पलाइन पर समय रहते शिकायत दर्ज करें।
- अनजान कॉल, लिंक, फर्जी जॉब ऑफर या लोन स्कीम से सतर्क रहें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
एसएसपी अग्रवाल ने कहा, “डर और लालच से दूर रहकर अगर लोग सतर्कता बरतें, तो वे खुद को और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।”
दुर्ग मॉडल बना उदाहरण, बढ़ा नागरिकों का भरोसा
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि
- सफल रिकवरी के बाद अब लोग तेजी से ठगी की शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
- दुर्ग का साइबर रिकवरी मॉडल अन्य जिलों के लिए उदाहरण बन सकता है।
- तेजी से कार्रवाई, समन्वित प्रयास और जन-जागरूकता से डिजिटल फ्रॉड में गिरावट लाई जा सकती है।
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दुर्ग पुलिस ने साइबर ठगी के मामलों में छह महीने में ₹1.93 करोड़ की रिकवरी की। एसएसपी विजय अग्रवाल ने 1930 हेल्पलाइन के महत्व पर जोर दिया और साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की। जानिए पूरी रिपोर्ट।
