छत्तीसगढ़ सरकार देगी नसबंदी से प्रभावित नक्सलियों को टेस्ट ट्यूब बेबी योजना का लाभ

रायपुर, 13 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने एक संवेदनशील और मानवीय पहल की घोषणा की है, जिसके तहत नसबंदी के लिए मजबूर किए गए पूर्व नक्सलियों (सरेंडर माओवादी) को यदि वे माता-पिता बनना चाहते हैं, तो उन्हें टेस्ट ट्यूब बेबी (IVF) के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह जानकारी राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दी।


पुनर्वास नीति में शामिल किया गया है यह प्रावधान

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा,

“जो बहनें या पुरुष, जो पहले नक्सल संगठन का हिस्सा थे और अब मुख्यधारा में लौट आए हैं तथा माता-पिता बनना चाहते हैं, उनके लिए पुनर्वास नीति में टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए सहायता का प्रावधान है।”

अधिकारियों ने बताया कि माओवादी संगठन में शादी से पहले पुरुषों और महिलाओं को नसबंदी के लिए मजबूर किया जाता है ताकि वे संगठनों में समर्पण बनाए रखें और परिवारिक जीवन से दूर रहें। अब जब वे मुख्यधारा में लौटे हैं, तो राज्य सरकार उनकी भावनात्मक और सामाजिक ज़रूरतों को समझते हुए यह सहायता दे रही है।


सामूहिक विवाह समारोह का भी होगा आयोजन

गृह मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार सरेंडर माओवादियों के लिए सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करने की योजना पर काम कर रही है, जिससे उन्हें समाज में पुनर्स्थापना का अवसर मिले और वे सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकें।


2024 से अब तक 1,450 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ में 2024 से जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान अब तक:

  • 1,450 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं
  • 1,400 से अधिक माओवादी गिरफ्तार किए गए
  • 415 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए
  • वहीं इस दौरान 19 सुरक्षाकर्मियों और 22 आम नागरिकों की जान गई

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य सरकार सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय पुनर्वास नीति पर भी गंभीरता से काम कर रही है।


एक संवेदनशील और पुनर्स्थापनात्मक कदम

सरकार की यह पहल स्पष्ट करती है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सैन्य नहीं, सामाजिक भी है। पूर्व नक्सलियों को न केवल समाज की मुख्यधारा से जोड़ना, बल्कि उन्हें मानवता और परिवार की गरिमा के साथ पुनर्जीवन देना ही सच्चा पुनर्वास है।