सरकारी स्कूल के प्रधानपाठक की हरकतों से परेशान ग्रामीण, बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज़, भविष्य अधर में

जशपुर, 11 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला सिलिपखना में पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। स्कूल में पदस्थ प्रधानपाठक सखा राम सिदार की अजीबोगरीब हरकतों और अनुशासनहीनता के कारण अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है, जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।

स्कूल में पढ़ाई नहीं, प्रधानपाठक का तमाशा

ग्रामीणों के मुताबिक, सखा राम सिदार समय पर स्कूल नहीं आते, कभी-कभी दोपहर 1 बजे पहुंचते हैं और उस समय भी असामान्य व्यवहार करते हैं। महिला शिक्षक से मारपीट कर उन्हें स्कूल से भगा देने का आरोप भी उन पर है। इसके बाद से स्कूल अक्सर 24 घंटे खुला छोड़ दिया जाता है

जब मीडिया स्कूल पहुंचा, तो प्रधानपाठक खुद को टॉपर, तीन गांवों का बैगा और भविष्य का विधायक बताने लगे। उनका व्यवहार देखकर गांव के लोग परेशान और चिंतित हैं।

बच्चों की पढ़ाई पर संकट

इस समय स्कूल में केवल दो शिक्षक और 8 छात्र हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को शारीरिक दंड, और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ता है, जिससे वे स्कूल नहीं जाना चाहते। माता-पिता बच्चों को घर पर ही रख रहे हैं, जिससे शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।

पहले भी निलंबित हो चुके हैं सिदार

यह कोई पहली बार नहीं है जब सखा राम सिदार चर्चा में आए हों। पूर्व में बालमपारा स्कूल में शराब के नशे में पकड़े जाने पर उन्हें निलंबित किया गया था। इसके बावजूद पुनः बिना मानसिक जांच के पुनर्नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

ग्रामीणों की मांग और प्रशासन की प्रतिक्रिया

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस शिक्षक को हटाकर किसी योग्य और अनुशासित शिक्षक की नियुक्ति की जाए। साथ ही सखा राम सिदार का मानसिक परीक्षण कराए जाने की भी अपील की गई है।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद पैंकरा ने बताया कि मामले की जांच की जा चुकी है और पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी