भाटापारा, 09 जुलाई 2025: धर्म नगरी के नाम से पहचाना जाने वाला भाटापारा शहर इन दिनों अवैध शराब कारोबार का केंद्र बनता जा रहा है। शहर और ग्रामीण इलाकों में कुल 22 बड़े शराब माफिया सक्रिय हैं, जिनके अधीन 80 से अधिक कोचिए अलग-अलग इलाकों में अवैध शराब की आपूर्ति में लगे हैं।
अबकारी व्यवस्था की लचर स्थिति के कारण असामाजिक तत्वों को खुला मैदान मिल रहा है। भाटापारा के साथ-साथ सिमगा ब्लॉक में भी अवैध शराब कारोबार की स्थिति चिंताजनक है।
अबकारी विभाग में गैर-नियुक्त लोगों की संलिप्तता
सूत्रों के अनुसार, अबकारी विभाग में कुछ ऐसे लोग कार्यरत हैं, जो न तो शासन द्वारा नियुक्त हैं और न ही किसी अधिकृत प्लेसमेंट एजेंसी से संबंधित हैं। फिर भी वे दफ्तर में आकर विभागीय कार्य करते हैं।
आरोप यह भी है कि ये गैर-नियुक्त व्यक्ति शराब माफियाओं और कोचियों से मोटी वसूली कर रहे हैं।
सिमगा में 37 कारोबारी, 4.28 लाख रुपये की अवैध वसूली
सिमगा ब्लॉक में 37 व्यक्ति अवैध शराब व्यापार में सक्रिय हैं और हर माह औसतन 4.28 लाख रुपये की अवैध वसूली किए जाने की जानकारी मिली है।
जिला अबकारी अधिकारी ने की सख्त कार्रवाई की बात
जब इस पूरे मामले में जिला अबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा –
“हमें नाम बताएँ, हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। यदि कोई व्यक्ति अबकारी विभाग के नाम पर वसूली करता है, तो उसके खिलाफ सीधी एफआईआर दर्ज कराई जाए। विभाग में किसी भी प्राइवेट व्यक्ति की नियुक्ति अवैध है। सभी संबंधितों को निर्देश दिए जाएँगे कि ऐसे लोगों को तत्काल कार्यालय से हटाया जाए।”
धर्म नगरी बन रही ‘मैखाना’
भाटापारा, जिसे एक समय धर्म नगरी कहा जाता था, अब अवैध शराब के अड्डों और माफियाओं की गतिविधियों के चलते बदनाम होता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने शासन से मांग की है कि अबकारी विभाग की कार्यप्रणाली की जांच कर सख्त कदम उठाए जाएं।
