24 जून 2025 गजानन नगर, दुर्ग
गजानन नगर के रहने वाले श्री अजय कुमार चौबे के देहदान के साथ परिवार ने एक प्रेरणादायी मिसाल पेश की। अजय चौबे की मां स्व. तारिणी चौबे की यह अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनका देहदान किया जाए, परंतु तकनीकी कारणों से वह संभव नहीं हो सका। मां की तेरहवीं पर पूरे चौबे परिवार ने सामूहिक रूप से देहदान का संकल्प लिया, और आज अजय चौबे के आकस्मिक निधन के पश्चात उनके भाई विजय चौबे और परिवार के अन्य सदस्यों ने मिलकर मां की अधूरी इच्छा को पूर्ण करते हुए अजय का देहदान किया।
🔹 परिवार ने दिखाई अद्भुत संवेदनशीलता
विजय चौबे, भाभी दिव्या चौबे, भतीजी श्रेष्ठा, बहनें आशा, अरुणा, आभा, अनीता और अणिमा ने अजय चौबे के देहदान हेतु सहमति प्रदान की।
विजय चौबे ने भावुक होकर कहा—
“भाई अजय के असमय निधन से पूरा परिवार स्तब्ध है। उनकी कमी हमेशा खलेगी, लेकिन यह संतोष है कि उनके देहदान से समाज को प्रेरणा मिलेगी और हमने मां की अधूरी इच्छा भी पूरी की।”
🔹 नव दृष्टि फाउंडेशन की सक्रिय भूमिका
जैसे ही अजय चौबे के निधन का समाचार मिला, नव दृष्टि फाउंडेशन के सदस्य राज आढ़तिया, कुलवंत सिंह भाटिया, हरमन दुलई, राजेश पारख, प्रभु दयाल उजाला तत्काल चौबे निवास पहुंचे और पूरी प्रक्रिया को सम्मानपूर्वक पूर्ण कराने में सहयोग किया।
🔹 श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज द्वारा सम्मानपूर्वक देहदान प्रक्रिया
श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज, भिलाई के एनाटॉमी विभाग की प्रमुख डॉ. अंजलि वंजारी के मार्गदर्शन में संदीप रिशबुड, दीपक रवानी और दयाराम की टीम ने देहदान की प्रक्रिया को विधिवत संपन्न किया।
🔹 समाज को मिला प्रेरणादायी संदेश
नव दृष्टि फाउंडेशन के कुलवंत भाटिया ने कहा—
“चौबे परिवार न केवल धार्मिक और सामाजिक रूप से सक्रिय रहा है, बल्कि आज उन्होंने देहदान करके समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है। निश्चित रूप से यह समाज में देहदान के प्रति जागरूकता लाने में सहायक होगा।”
🔹 अंतिम विदाई में भावभीनी श्रद्धांजलि
गजानन नगर स्थित चौबे निवास पर परिवार के करीबी रिश्तेदारों और मित्रों ने नम आँखों से श्री अजय कुमार चौबे को श्रद्धांजलि दी। उनकी देह को श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया।
🔹 नव दृष्टि फाउंडेशन की उपस्थिति
इस अवसर पर नव दृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, मंगल अग्रवाल, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख, पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक, विनोद जैन, राकेश जैन समेत बड़ी संख्या में समाजसेवियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को साधुवाद दिया।
🔚 निष्कर्ष
अजय कुमार चौबे का देहदान न केवल एक पारिवारिक श्रद्धांजलि थी, बल्कि यह समाज को दिया गया जीवन-मूल्य आधारित संदेश भी है। आज जब अंग व देहदान जैसे विषयों पर समाज में संकोच और भ्रांतियां हैं, ऐसे में चौबे परिवार की यह पहल निश्चित ही सामाजिक चेतना को बढ़ाने का कार्य करेगी।
