वाशिंगटन, 24 जून 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इज़राइल के बीच “पूर्ण और समग्र” युद्धविराम (सीज़फायर) की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दोनों देशों के बीच अब तक किसी भी प्रकार का सीज़फायर समझौता नहीं हुआ है और इस पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।
अराक़ची ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा,
“ईरान ने बार-बार स्पष्ट किया है: युद्ध की शुरुआत इज़राइल ने की थी, ईरान ने नहीं। इस समय तक कोई भी ‘समझौता’ युद्धविराम या सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर नहीं हुआ है।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि इज़राइल मंगलवार सुबह 4 बजे (तेहरान समय) तक अपने “अवैध आक्रमण” को रोकता है, तो ईरान भी अपनी सैन्य कार्रवाई को रोक देगा।
“हमारा आगे जवाब देने का कोई इरादा नहीं है, यदि इज़राइल समय रहते अपनी कार्रवाई बंद कर दे।”
ईरान की सेना को धन्यवाद
बाद में एक और पोस्ट में अराक़ची ने ईरानी सशस्त्र बलों का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने इज़राइल के आक्रमण का “आखिरी क्षण तक” जवाब दिया।
“मैं ईरान के बहादुर सशस्त्र बलों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने अंतिम बूंद तक देश की रक्षा की।”
डोनाल्ड ट्रंप का दावा
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 23 जून को अपने Truth Social पोस्ट में दावा किया कि ईरान और इज़राइल 12-दिवसीय युद्ध को समाप्त करने के लिए “पूर्ण और समग्र” युद्धविराम पर सहमत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्धविराम 24 घंटे की चरणबद्ध प्रक्रिया में लागू होगा –
- पहले 12 घंटे ईरान की ओर से
- अगले 12 घंटे इज़राइल की ओर से
- फिर 24 घंटे बाद “युद्ध समाप्ति” की औपचारिक घोषणा होगी।
ट्रंप ने यह भी कहा कि हमला ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करने और “दुनिया के नंबर एक आतंक समर्थक देश” से परमाणु खतरे को समाप्त करने के उद्देश्य से किया गया था।
पृष्ठभूमि
ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय में आई जब ईरान ने अमेरिका के अल-उदेद एयरबेस (क़तर) पर मिसाइल हमले किए थे, जिसे इज़राइल के समर्थन में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर प्रतिशोध के रूप में देखा गया।
निष्कर्ष
इस बीच, सच्चाई यह है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम को लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। जहां अमेरिका इस युद्ध को खत्म करने का दावा कर रहा है, वहीं ईरान ने अब तक किसी भी तरह की आधिकारिक सहमति से इनकार किया है। अब सभी की निगाहें तेहरान के समय अनुसार मंगलवार सुबह 4 बजे पर टिकी हैं।
