रायपुर, 23 जून 2025:
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नया रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद किया और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी वीरता, साहस और समर्पण को नमन किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
🔰 सुरक्षा बलों के साहस को सलाम
गृह मंत्री ने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे सुरक्षा बलों की बहादुरी और अथक प्रयासों से ही नक्सलवाद के खिलाफ यह लड़ाई सफल हो रही है।” उन्होंने कोबरा (CoBRA) टीमों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, छत्तीसगढ़ पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की भूमिका की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा कि “जिस धैर्य, संकल्प और साहस से हमारे सुरक्षाबलों ने माओवादी अड्डों को ध्वस्त किया है, वह पूरी दुनिया की सुरक्षा एजेंसियों को चकित कर देने वाला है। हमारे जवान जो संकल्प करते हैं, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।”
📆 नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा घोषित
श्री शाह ने स्पष्ट घोषणा करते हुए कहा, “मैं बार-बार इसलिए यह कहता हूं कि 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा, क्योंकि मुझे अपने सुरक्षा बलों पर पूरा भरोसा है।”
उन्होंने बताया कि नक्सलवाद पिछले 35 वर्षों में लगभग 40,000 लोगों की जान ले चुका है और हजारों लोगों को विकलांग बना चुका है। नक्सल हिंसा ने गरीब आदिवासी क्षेत्रों को शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, स्वच्छता, उद्योग और बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा।
🧒 पेंसिल की ताकत बनाम बंदूक
अमित शाह ने कहा, “जब कोई बच्चा बंदूक छोड़कर पेंसिल उठाता है और ‘क, ख, ग’ लिखना शुरू करता है, तो यह केवल उस बच्चे का नहीं बल्कि पूरे देश का भविष्य बदल देता है। वह पल अब बहुत करीब है।”
उन्होंने आगे कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, शौचालय और आवास जैसी सुविधाएं पहुंचा रही है, जिससे जनता मुख्यधारा से जुड़ रही है।
📘 ‘लेओर ओयना’ पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ‘लेओर ओयना’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। यह पुस्तक नक्सल हिंसा के पीड़ितों के जीवन पर आधारित है। शाह ने कहा कि यह पुस्तक उन निर्दोष और निहत्थे लोगों की पीड़ा को समझने में मदद करेगी, जो माओवादी हिंसा के शिकार बने।
उन्होंने कहा, “यह पुस्तक उन लोगों की आंखें खोलने का कार्य करेगी जो मानवाधिकार के नाम पर माओवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। यह उनके दोहरे चरित्र को उजागर करेगी।”
🛡️ इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा बलिदान
श्री शाह ने कहा कि जब देश नक्सलवाद से आज़ाद होगा, तब यह स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा क्षण होगा। उन्होंने कहा कि “जब नक्सलवाद के खात्मे का इतिहास लिखा जाएगा, तब हमारे जवानों के बलिदान और परिश्रम को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।”
📍 निष्कर्ष
केंद्रीय गृह मंत्री के इस संबोधन ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भारत सरकार नक्सलवाद के विरुद्ध अपने अंतिम और निर्णायक चरण में है। छत्तीसगढ़ अब एक नए विकास की ओर अग्रसर है, जहां बंदूक की जगह किताबें और शिक्षा का स्थान होगा।
