छत्तीसगढ़ दौरे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सुरक्षा बलों को सम्मान, नक्सलवाद के खिलाफ जारी रहेगा ऑपरेशन

रायपुर, 23 जून 2025:
केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने सोमवार को नवा रायपुर में “संकल्प: फोर्स कमांडर्स और कमांडोज़ के साथ संवाद” कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हाल ही में हुए प्रमुख नक्सल विरोधी अभियानों में भाग लेने वाले सुरक्षा बलों के कमांडरों और जवानों से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने विशेष रूप से उन जवानों की सराहना की जो माओवादी महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बासवराज (70) के मुठभेड़ में मारे जाने वाले अभियान का हिस्सा थे। शाह ने जवानों के शौर्य और समर्पण की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

🌧 नारायणपुर दौरा मौसम के कारण रद्द

श्री शाह का नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों के कैंप का दौरा और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात का कार्यक्रम लगातार हो रही बारिश के कारण रद्द कर दिया गया।

🏛 आगामी कार्यक्रम:

मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि मंगलवार को गृहमंत्री शाह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद (Central Zonal Council) की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे। यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंटर-स्टेट काउंसिल सचिवालय द्वारा आयोजित की जा रही है।

🧪 नवा रायपुर में एनएफएसयू की आधारशिला

छत्तीसगढ़ दौरे के पहले दिन रविवार को शाह ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) की आधारशिला रखी और रायपुर में NFSU के अस्थायी परिसर का वर्चुअल उद्घाटन भी किया।

🛡 नक्सलवाद पर दो अहम बैठकें

रविवार शाम शाह ने नक्सलवाद पर दो प्रमुख सुरक्षा बैठकों की अध्यक्षता की:

  1. इंटर-स्टेट सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन मीटिंग, जिसमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के डीजीपी, एडीजीपी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
  2. छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (LWE) की स्थिति की समीक्षा बैठक

इस दौरान शाह ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि मानसून के दौरान भी नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा। उन्होंने माओवादियों से हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की।

🔫 अब तक 400 से अधिक माओवादी ढेर

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 से अब तक छत्तीसगढ़ में 400 से अधिक माओवादी मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। 21 मई को बासवराज की मौत, माओवादी संगठन के लिए एक बड़ी क्षति मानी जा रही है।