बालोद, छत्तीसगढ़ | 22 जून 2025 — बालोद जिले के तरौद गांव में डायरिया का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूषित पेयजल से फैले इस संक्रमण ने जहां अब तक एक व्यक्ति की जान ले ली है, वहीं 30 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। इन गंभीर हालातों के बीच स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) का गैर-जिम्मेदाराना बयान अब गांव में गुस्से की नई लहर बन गया है।
📍 CMHO ने कहा – “इसे शराब में मिलाकर मत पीना”, मच गया बवाल
डायरिया प्रभावित क्षेत्र में हालात का जायजा लेने पहुंचे CMHO ने ग्रामीणों को ORS घोल के पैकेट बांटे। इसी दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा —
“इसे शराब में मिलाकर मत पीना।”
यह टिप्पणी सुनते ही ग्रामीण भड़क उठे। उन्हें यह बात अपमानजनक और असंवेदनशील लगी। उन्होंने इसे पीड़ितों और गांव के सम्मान के खिलाफ बताया और उपस्वास्थ्य केंद्र के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हालात बेकाबू होते देख CMHO को ग्रामीणों से माफी मांगनी पड़ी, तब जाकर स्थिति थोड़ी शांत हुई।
💀 डायरिया से एक की मौत, कई गंभीर
- गांव के 42 वर्षीय मोहित कुमार निषाद की डायरिया से मौत हो चुकी है।
- 30 से अधिक ग्रामीण संक्रमण की चपेट में हैं।
- इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
🚱 पुरानी पाइपलाइन बनी संक्रमण की जड़
तरौद में 15-20 साल पुरानी पाइपलाइन और बोरवेल से जल आपूर्ति की जा रही थी। इससे गंदा और संक्रमित पानी घर-घर पहुंच रहा था।
अब प्रशासन ने पुरानी पाइपलाइन की सप्लाई बंद कर टैंकरों से शुद्ध जल वितरण शुरू किया है।
बावजूद इसके, संक्रमण के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो विभागीय निगरानी में लापरवाही की पोल खोलते हैं।
⚠️ स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
तरौद के लोगों का कहना है कि अगर समय रहते विभाग हरकत में आया होता, तो हालात इतने बिगड़ते नहीं।
ग्रामीणों का आरोप है कि –
- जल स्रोतों की साफ-सफाई नहीं हुई।
- पानी की गुणवत्ता की जांच में ढिलाई बरती गई।
- दवा वितरण और जनजागरूकता अभियान समय पर नहीं चलाया गया।
❌ संवेदनशीलता की कमी और अव्यवस्था की मार
डायरिया की इस भयावह स्थिति ने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि प्रशासन की असंवेदनशीलता और कमीज़ोर आपदा प्रबंधन को उजागर कर दिया है।
CMHO की शराब वाली टिप्पणी ने इस त्रासदी में तथाकथित मज़ाक को शामिल कर दिया, जो पीड़ितों के लिए एक और चोट जैसा था।
🎙️ जनता की मांग: जवाबदेही तय हो
तरौद के लोगों की मांग है कि –
- CMHO के बयान पर कार्रवाई हो
- स्थायी जल व्यवस्था दुरुस्त की जाए
- प्रत्येक गांव में नियमित पानी जांच और स्वास्थ्य कैंप लगाए जाएं
📌 निष्कर्ष
तरौद गांव आज एक बीमारी और उपेक्षा की दोहरी मार झेल रहा है। एक ओर संक्रमण से जानें जा रही हैं, दूसरी ओर सरकारी लापरवाही और असंवेदनशील बयान जनता के आक्रोश को उबाल पर ला रहे हैं। ज़रूरत है संवेदनशील प्रशासन और सक्रिय स्वास्थ्य प्रणाली की, जो सिर्फ माफी नहीं, समाधान दे।
