पुलिस महकमें द्वारा प्रारंभ नशा मुक्ति अभियान जियो खुलकर को एक ओर सफलता मिली है। पुलिस ने नशे का कारोबार करने के आरोप मेें तीन लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है। गिरफ्त में लिए गए आरोपियों के कब्जें से नशे में उपयोग आने वाली सिरप फेंसीकॉफ सिरप की 252 बोतलें जब्त की गई है। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नशे के कारबोरा का यह मामला जेवरा सीरसा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम करहीडीह में पकड़ाया है। सीएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि शनिवार की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम करहीडीह के तालाब के पास अजहर कुरैशी अपने साथी मोहम्मद अफजल जोबा के साथ नशीली दवाओं को नशे में उपयोग करने के लिए बेंचने की फिराक में है। सूचना मिलने पर मौके पर घेराबंदी कर आरोपियों को पुलिस ने अपने कब्जें में लिया। तलाशी में आरोपी अजहर के पास से नशीली सिरप फेंसीकॉफ की 119 नग शिशियां बरामद की गई। वहीं उसके साथी अफजल के पास से 6 नग शीशियां व 990 रु. नगदी रकम जब्त की गई।
पूछताछ में आरोपी अजहर ने बताया कि वह अफजल व भावेश जैन के साथ मिलकर पिछले दो वर्षो से इस नशे के कारोबार को अंजाम दे रहे है। आरोपी कि निशानदेही पर बायपास रोड़ स्थित इंदर ढाबा के पास से आरोपी भावेश जैन को भी गिरफ्त में ले लिया गया। भावेश के कब्जें से 127 शीशियां फेंसीकॉफ सिरप की बरामद की गई। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/22(ख), 27 (क) के तहत कार्रवाई कर आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से सभई अभियुक्तों को न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है। नशे के इस कारोबार का खुलासा करने में प्रशिक्षु डीएसपी निशांत पाठक, ड्रग इंस्पेक्टर आस्था वर्मा, एएसआई शोख फारुखहेड कांस्टेबल नरेन्द्र ठाकुर, राजेन्दज्र वानखेड़े, राघवेंद्र सिंह, कांस्टेबल सुरेन्द्र साहू, हरीश सिंह, जावेद खान, फारुख खान, आयुष पवार की अहम भूमिका रही।