भोपाल, 11 जून 2025/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण को लेकर नई नीति के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है। इससे राज्य के करीब चार लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को वर्षों बाद पदोन्नति का लाभ मिलने की राह खुल गई है। यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा।
नई नीति के प्रमुख बिंदु:
- अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16%, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 20% और अनारक्षित वर्ग के लिए अलग से वर्गीकरण।
- पहले ST, फिर SC, और अंत में अनारक्षित पदों पर योग्य उम्मीदवारों को पदोन्नति दी जाएगी।
- यदि आरक्षित वर्ग में पात्र अभ्यर्थी नहीं होते, तो पद खाली रखे जाएंगे, अन्य वर्ग में नहीं दिए जाएंगे।
- क्लास-1 अधिकारियों के लिए “मेरिट कम सीनियरिटी” और क्लास-2 व नीचे के पदों के लिए “सीनियरिटी कम मेरिट” फार्मूला लागू होगा।
- 31 दिसंबर को पात्रता की अंतिम तिथि मानी जाएगी और हर साल सितंबर से नवंबर के बीच पदोन्नति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- रिक्तियों के दोगुना संख्या में पात्र अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल किया जाएगा, साथ में चार अतिरिक्त नाम भी जोड़े जाएंगे।
- नई व्यवस्था के नोटिफिकेशन की तिथि से लागू मानी जाएगी और किसी की पदावनति नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि यह संतुलित और न्यायपूर्ण प्रणाली आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्गों के हितों की रक्षा करेगी। सरकार इस दिशा में तेजी से कार्रवाई कर रही है ताकि वर्षों से रुकी हुई पदोन्नतियों को समयबद्ध तरीके से संपन्न किया जा सके।
