ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की वैश्विक कूटनीति की नकल में पाकिस्तान का नया कदम

इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 18 मई 2025
भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को वैश्विक मंचों पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की रणनीति के बाद, पाकिस्तान ने भी वैसा ही कदम उठाया है। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-ज़रदारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का ‘शांति पक्ष’ रखने की जिम्मेदारी सौंपी है।

यह कदम भारत की ओर से सात सांसदों को विदेशी देशों में प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त करने के एक दिन बाद आया है। भारत ने इन सांसदों को विभिन्न देशों में भेजने का निर्णय लिया है ताकि वे आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति और ऑपरेशन सिंदूर के पीछे के तथ्यों को साझा कर सकें।

बिलावल भुट्टो ने खुद एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “आज प्रधानमंत्री @CMShehbaz ने मुझसे संपर्क किया और मुझसे अनुरोध किया कि मैं एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं ताकि पाकिस्तान का शांति के प्रति पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया जा सके। मुझे इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए सम्मान की अनुभूति हो रही है और मैं इन चुनौतीपूर्ण समयों में देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

यह घटनाक्रम उस सैन्य तनाव के ठीक बाद सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान को 7 से 10 मई तक चले चार दिवसीय ऑपरेशन सिंदूर में भारत से करारी हार झेलनी पड़ी थी। अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश के तहत पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह पाकिस्तान की ‘कूटनीतिक प्रतिक्रिया’ से अधिक भारत की सफल वैश्विक रणनीति की नकल है, जिसमें वह एक बार फिर पीछे ही नजर आ रहा है।

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