छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति प्रकरण पर अंतत: ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। यह शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता उचित शर्मा ने की थी। जिसकी प्रारंभिक जांच के बाद ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ ब्यूरों में धारा-13 (ए) (बी) और धारा-13 (2) के साथ-साथ 120 (बी) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया है।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। आपको बता दें कि पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह वर्ष-2010 तक प्रतिनियुक्ति पर रहे और बाद में इस्तीफा देकर दिसंबर 2018 तक संविदा नियुक्ति पर कार्यरत रहे थे। पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी यास्मिन सिंह भी वर्ष-2005 से दिसंबर 2010 तक पीएचई और ग्रामीण विकास विभाग में संविदा पर कार्यरत थी। दोनों के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत उचित शर्मा ने की थी। राज्य शासन ने इस शिकायत को जांच के लिए ईओडब्ल्यू को सौंपा था। ईओडब्लू द्वारा की गई प्राथमिक जांच में उनकी छत्तीसगढ़ में रायपुर, दुर्ग के अलावा भोपाल और दिल्ली में अचल संपत्ति पाई गई है। इसके अलावा नोएडा, गुडग़ांव और विदेशों में अचल संपत्ति होने की संभावना है। जिसकी जांच चल रही है। यास्मिन सिंह ने अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा शासन को उपलब्ध नहीं कराया है।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यास्मिन सिंह को सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड को नजर अंदाज कर नियम विरूद्ध नियुक्त किया गया था। वहीं अमन सिंह द्वारा स्वयं वायएम सिंह मेमोरियल फाउंडेशन में प्रमोटर रहे और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह शासकीय विभाग में संविदा नियुक्ति के बावजूद प्राइवेट कंपनी सृष्टि नेचुरल में भागीदार रही परंतु इसकी सूचना शासन को नहीं दी थी। इन प्राथमिक जांच में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर दोनों के खिलाफ ब्यूरों में धारा-13 (ए) (बी) और धारा-13 (2) के साथ-साथ 120 (बी) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया है।